कुमार विश्वास के साथ-साथ पुण्य प्रसून भी आउट ऑफ कंट्रोल LIVE!

उधर कुमार विश्वास को अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं है और इधर आज तक वाले पुण्य प्रसून वाजपेयी अधीर हुए जा रहे हैं

आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने इस वीडियो में जो बातें बोली हैं, वो बेहद आपत्तिजनक हैं. विश्वास ने समुदाय विशेष का मजाक उड़ाया है. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लोगों को ये समझना होगा कि अब वे सिर्फ आंदोलन से नहीं जुड़े हैं. राजनीतिक पार्टी बना ली है और बाकायदा सरकार चला रहे हैं.

कभी प्रशांत भूषण कश्मीर पर बोल देते हैं, कभी एक नवजात की मौत पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री गैरजिम्मेदाराना बयान दे देते हैं कि हमारे पास कागज आएंगे तो देखेंगे. कभी कार का शीशा टूटने पर राखी बिड़लान (बिड़ला या बिरला नहीं) विवादों में घिर जाती है तो कभी मनीष सिसोदिया पर यह आरोप लगने लगता है कि उन्होंने आम लोगों से अपने घर पर मिलना बंद करके सप्ताह के दो दिन निर्धारित कर दिए हैं. फरियादी लौटकर जा रहे हैं, सिसोदिया ध्यान तक नहीं दे रहे, वगैरह-वगैरह.

लेकिन एक आदमी है, जो इन सारे विवादों को अपने कंधे पर संभाले हुए है. संभल-संभल कर बोल रहे हैं और काम कर रहे हैं. वह हैं अरविंद केजरीवाल. और मीडिया है कि माइक लिए हमेशा तैयार है ये पूछने के लिए कि बोलो-बोलो, बताओ-बताओ, ये काम आपने अब तक क्यों नहीं किया. वादा क्यों नहीं निभाया??!!

अरे भैया, इस देश को आजाद हुए 65 साल से ऊपर हो गए. क्या इतनी ही तत्परता और त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा आपने दूसरे राजनीतिक दलों से की?? उनसे सवाल पूछे?? कल न्यूज चैनल AAJ TAK पर दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार का स्टिंग दिखाने के बाद एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी -आप- के नेता गोपाल राय से पूछ रहे थे (पूछने का लहजा इतना कड़ा जैसे गोपाल राय को डांट रहे हों) कि बताइए स्टिंग दिखा रहे हैं, कैमरे पर लोग घूस लेते दिख रहे हैं और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खामोश हैं. उनका दफ्तर चुप्पी साधे है. कोई बयान नहीं दे रहे. कब कार्रवाई करेंगे अरविंद केजरीवाल??

पुण्य प्रसून वाजपेयी चाहते थे कि स्टिंग दिखाने के दौरान ही दिल्ली के सीएम केजरीवाल कार्रवाई कर दें. स्टिंग में दिखाए गए अफसरों के खिलाफ एक्शन ले लें. और पैनल में बीजेपी-कांग्रेस के जो नेता बोल रहे थे (जिनके खिलाफ कभी स्टिंग हो तो हमेशा यही कहते हैं कि सीडी की जांच कराएंगे, बाद में बताएंगे और एंकर भी यह बात मानता-जानता है), वो भी अड़े थे कि कार्रवाई क्यों नहीं करेंगे, जल्दी करिए कार्रवाई. जैसे -आज तक- का स्टिंग ऑपरेशन ना हो गया, कोई आकाशवाणी हो गई कि जो दिखाया जा रहा है, वह परम सत्य है. अभी के अभी कार्रवाई करो.

चूंकि सरकार नई है. केजरीवाल एंड टीम काफी दबाव में काम कर रही है, सीएम ने स्टिंग दिखाए जाने के दौरान हीं अफसरों को सस्पेंड कर दिया. आज तक को बधाई भी दे डाली. मनीष सिसोदिया भी -आज तक- की स्क्रीन पर दिखे, चैनल ने ये बताया कि नंबर-2 सिसोदिया भी live आज तक पर स्टिंग देख रहे हैं. फिर सिसोदिया ने -आज तक- का धन्यवाद किया और लम्बा इंटरव्यू भी चैनल को दिया.

ये सब ठीक था लेकिन पुण्य प्रसून वाजपेयी जिस तरह से सवाल कर रहे थे कि एक्शन कब लोगे??अभी लेना चाहिए, ऐसा लग रहा था कि वह आम आदमी पार्टी से कोई व्यक्तिगत खुन्नस निकाल रहे हैं. उनके जैसे मंजे हुए पत्रकार को यह शोभा नहीं दे रहा था. फर्ज कीजिए कि अगर दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी की सरकार होती तो भी क्या पुण्य यह सवाल दागते कि सीएम और उनका दफ्तर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा (स्टिंग दिखाए जाने के दौरान ही). और इसी बहाने फिर संबंधित पार्टी और जनता से उसके सरोकार पर सवाल खड़े करते??

मेरी नजर में ये ठीक नहीं था क्योंकि स्टिंग ऑपरेशन की सच्चाई अपनी जगह है और कार्रवाई अपनी जगह. सरकारें टीवी स्टूडियो के सवाल-जवाब से नहीं चलतीं. उसके काम करने का एक तरीका होता है लेकिन चूंकि -आप- अभी नई पार्टी है, उसने पहली बार सरकार बनाया है तो कोई टीवी चैनल का एंकर उसे मजबूर नहीं कर सकता, ये सवाल नहीं उठा सकता कि हम स्टिंग दिखा रहे हैं और सीएम जवाब नहीं दे रहे, उनका दफ्तर खामोश है. क्या हो जाएगा अगर सीएम पूरे मामले को देखने-जानने-समझने के बाद कुछ घंटों के उपरांत या अगले दिन कार्रवाई का आदेश दें. ऐसी क्या जल्दी थी पुणय प्रसून वाजपेयी को कि स्टिंग ऑपरेशन अभी ऑन एयर ही है, पूरा दिखाया भी नहीं गया, पैनल पर बहस जारी है और पुण्य चाहते हैं कि अभी तुरंत सीएम केजरीवाल इस पर बयान दें.

कार्रवाई का ऐलान करें. एक्शन लें. क्यों भाई. आप नैशनल टीवी पर बैठे हैं तो इस तरह की बात करके (mass communication करके) किसी पार्टी की छवि और जनता से जुड़े उसके सरोकार पर हमला कर दोगे?? मान लीजिए कि अगर केजरीवाल ने सदाशयता और अपने विवेक का उपयोग दिखाते हुए कल तुरंत कार्रवाई का ऐलान ना किया होता (स्टिंग दिखाए जाने के दौरान ही) तो पुण्य प्रसून वाजपेयी तो इसी बात को मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी की बखिया उधेड़ देते!! और देश से कहते कि देखिए, हम स्टिंग दिखा रहे हैं और ये अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. इन्होंने जनता को ठगा है वगैरह-वगैरह.

ये अलग बात है कि -आज तक- जैसे प्रतिष्ठित चैनल का स्टिंग genuine था, इसमें मीडिया सरकार वाले स्टिंग जैसी बेईमानी नहीं थी (जिसके होने का अंदेशा होता है कई बार), फिर भी कोई लोकतांत्रिक सरकार किसी न्यूज चैनल के स्टिंग दिखाए जाने के दौरान ही उसमें बताए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकती है. कम से कम सरकार का इतना तो हक है कि वह चैनल से स्टिंग की सीडी मांगे, जांच कराए और फिर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे. ये नहीं कि हमने इधर स्टिंग दिखाया नहीं और उधर आप कार्रवाई करो और अगर नहीं करोगे तो चैनल का एंकर ये लाइन ले ले कि संबंधित पार्टी जनता से वादाखिलाफी कर रही है, वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सीरियस नहीं है. ये क्या बात हुई भला!! कम से कम पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे एंकर मैच्योर-सूझबूझ वाले एंकर से तो ये देश इतनी उम्मीद कर सकता है कि एंकर की हॉट सीट पर बैठने के बाद ऐसे संवेदनशील मामलों में वह धीरज धरेंगे और तुरंत-फुरत कार्रवाई-बयान की मांग करने की बजाय संबंधित सरकार को जांच करने और फैसला लेने का वक्त देंगे. लोग क्यों ये भूल जाते हैं कि वे पत्रकार हैं, कोई जज नहीं कि फैसला सुना दिया. अरे भाई, स्टिंग करने के बाद आपने भी तो स्टिंग के टेप्स को जांचा-परखा होगा, मीटिंग की होगी, माथापच्ची की होगी तब कहीं जाकर इस पूरी जिम्मेदारी के साथ इस स्टिंग के टेप्स को ऑन एयर किया होगा. जब एक जिम्मेदार न्यूज चैनल होने के नाते आपको अपना काम पूरा करने के लिए समय चाहिए तो फिर एक जिम्मेदार सरकार को भी तो मामले को ठोक-बजाकर देखकर-समझकर फैसला लेने का-बयान जारी करने का-प्रतिक्रिया देने का वक्त आपको देना पड़ेगा. वो कहते हैं ना कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. क्यों एक्सिडेंट करवाने पर तुले हैं????!!!!

नदीम एस अख्तर
नदीम एस अख्तर

फिलहाल तो आप वो वीडियो देखिए, जिसमें कुमार विश्वास ने सिखों और मुस्लिमों के बारे में अपनी -निजी राय- व्यक्त की है. हालांकि विवाद बढ़ने पर अब उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन वो कहते हैं ना कि कमान से निकला तीर और जुबान से निकले शब्द वापस नहीं आते.

(नोट – पुरानी पोस्ट डिलीट करके कुमार विश्वास वाले वीडियो का लिंक हटा कर फिर से ये कॉपी-पेस्ट कर रहा हूं. सभी मित्रों की अलग-अलग राय है लेकिन मेरा भी ये मानना है कि उस वीडियो को प्रचारित-प्रसारित करना ठीक नहीं होगा. लीजिए हटा दिया. धन्यवाद) (स्रोत-एफबी)

5 COMMENTS

    • AAP ki galatiya to dihengi bhai, kyon AAP ne gala phad phad kar kaha tha ki hum galatiyan nahi karenge. Ab Agar wo bhi kuch karke kahte hai ki galati ho gayi to phir ab janata kya karegi.

      Ek kahani suni thi, jisme ek Sadhu ko ek thag ne andha Sadhu bankar loot liya tha. Sadhu ne use apna sara saman de diya aur ek request ki, ki ye baat kisi ko mat batana ki tumne mujhe sadhu ban ke loota hai, nahi to logon ka Sadhuon par se viswas uth jayega. AAP agar galatiyan karegi to bhavishya mein log kabhi kisi aam admi ke neta par vishwas nahi kar payenge.

  1. Nadeem tum ye bhul rahe ho ki AAP ne delhi me vote bhi isi adhar par mange the. “0% tolerance on corruption”, PP Vajpayi kya India ka har admi bhi usse yahi apeksha rakhta hai. aur ye 100% lajmi hai.
    Vaise muje esa kyu lag raha hai ki aap jaldi hi AAP party ko join karne vale ho 🙂 Good Luck for That !!!!

  2. सर ने बिना देरी किये जल विभाग के अधिकारियो को ससपेंड कर दिया था।क्यों भाई अब आपको रा डाटा नहीं चाहिए लापके लोगो का स्टिंग हो तो सद्यंत्र दुसरे का होतो कोई जाच नहीं। सिर्फ आपके ही लोग हरिश्चन्द्र की छटी औलाद है और बाकी सब बेईमान और भरष्ट है क्या??

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