दागियों पर सरकार के अध्यादेश को बकवास बताने वाले राहुल गांधी के बयान के बाद मनमोहन सिंह की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब प्रधानमंत्री को वापस लौटते ही इस्तीफा दे देना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकारों की राय:
इंडियन एक्सप्रेस के संपादक शेखर गुप्ता: लौटते ही पीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए
इंडियन एक्सप्रेस के संपादक शेखर गुप्ता कहते हैं कि,”अब ये प्रधानमंत्री पर निर्भर है कि वो इस्तीफा देते हैं या फिर पार्टी में चाटुकारिता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वफादार सैनिक बने रहते हैं. प्रधानमंत्री को पसंद करने वाले चाहेंगे कि वो इस्तीफा दे दें. हालांकि अभी वो ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वो अमेरिका में ओबामा और नवाज शरीफ से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन वहां से लौटते ही उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनके लिए ये बड़ा धक्का होगा जो तमाम आलोचनाओं के बीच उनकी गरिमा और समझदारी के लिए उन्हें पसंद करते हैं.”
शेखर गुप्ता की राहुल गांधी पर टिप्पणी
“राहुल गांधी को अब जिम्मेदारी लेनी चाहिए. या तो लोकसभा चुनाव से पहले बचे हुए समय के लिए उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालनी चाहिए या फिर सरकार भंग कर नवंबर में होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा का चुनाव भी करा देना चाहिए. राहुल के स्तर के नेता हिट एंड रन के फॉर्मूले पर नहीं चल सकते .”
द हिंदू के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन:राहुल के तेवरों में संकेत
द हिंदू के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन लिखते है,”इसी महीने मॉस्को में जी-20 की बैठक से लौटते वक्त प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने में खुशी होगी . अध्यादेश पर राहुल के तेवरों से अब भविष्य साफ नजर आने लगा है.”
पीएम पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू: प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए
प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार और वरिष्ठ पत्रकार संजय बारू ने अध्यादेश पर राहुल के हमले पर कहा, ‘‘बस बहुत हो गया . प्रधानमंत्री को पद त्याग देना चाहिए . राहुल का बयान पीएम के अधिकारों की अवज्ञा है, क्योंकि जिस प्रकार से मंत्रिमंडल के निर्णय को बकवास बताया गया है और उसे फाड़कर फेंकने को कहा गया है . सरकार के निर्णय पर इस प्रकार के आरोप, जिसे स्पष्ट रूप से पार्टी की सलाह से लिया गया है अधिकारों की अवज्ञा के समान है .’
(एबीपी न्यूज़ से साभार)