मजीठिया मंच के सहयोग से जागरण प्रकाशन लिमिटेड (जेपीएल) के करीब तीन सौ कर्मियों (इनमें मौजूदा और पूर्व कर्मचारी दोनों शामिल हैं।) ने अपने वकील के जरिये प्रबंधन को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का नोटिस दिया है। चार पेज के इस नोटिस में प्रबंधन से दिए गए समय सीमा के भीतर इस संदर्भ में जवाब मांगा गया है। साथ ही प्रबंधन को चेताया गया है कि मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए जो कर्मचारी आगे आ रहे हैं उनका उत्पीड़न बंद किया जाए। अगर प्रबंधन कर्मचारी नेतृत्व के खिलाफ अपनी दमनकारी नीति नहीं छोड़ता तो माननीय सर्वोच्च् न्यायालय की अवमानना की शिकायत तो की ही जाएगी, साथ ही कंपनी द्वारा श्रम नियमों के उल्लंघन करने तथा इसका गलत रूप से इस्तेएमाल करने का भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह नोटिस कर्मचारियों के वकील परमानंद पांडेय की ओर से 9 जून को दैनिक जागरण के नोएडा और आईएनएस कार्यालय को भेजा गया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग करने वाले कई कर्मचारियों को दूर-दराज तबादला कर दिया गया। प्रबंधन की ओर से कई को धमकाया और डराया भी गया।
मजीठिया मंच ऐसे सभी कर्मचारियों को सलाम करता है और अन्य समाचार पत्रों तथा एजेंसियों के साथियों से अपील करता है कि वे अपने हक के लिए एक बैनर के तले आएं। यही एक मौका है जब हम अपने हक की लड़ाई पुरजोर तरीके से लड़ सकते हैं। मंच हर साथी की मदद का स्वागत करता है। वैसे भी मंच इस समय इसी तरह अन्य संस्थानों को नोटिस भिजवाने की कोशिश में लगा है। यूएनआई के साथियों से भी बातचीत चल रही है और वे भी जल्दी ही दैनिक जागरण के साथियों की तरह प्रबंधन पर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने का दबाव बनाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने वाले हैं। दैनिक भास्कर के विभिन्न संस्करणों के साथियों की भी यही रणनीति है। इसके अलावा दैनिक हिन्दुस्तान एवं इसके अन्य अनुषंगी संस्थानों के साथियों से समन्वय का काम चल रहा है।