भारत के 54 प्रतिशत लोग टीवी समाचार चैनल देखकर थक चुके हैं – आईएएनएस सी-वोटर मीडिया सर्वे

news channels trp tamasha

कोविड-19 महामारी ने भारत के नए मीडिया परि²श्य को दर्शाया है। देश में 54 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया है कि वह टीवी समाचार चैनलों को देखकर थक चुके हैं। वहीं 43 प्रतिशत भारतीय इस बात से असहमत हैं। आईएएनएस सी-वोटर मीडिया कंजम्पशन ट्रैकर के हालिया निष्कर्षों में यह बात सामने आई है।

लगभग 55 प्रतिशत पुरुषों ने सहमति व्यक्त की कि वे भारतीय समाचार चैनलों को देखकर थक गए हैं, जबकि लगभग 52 प्रतिशत महिलाओं ने इस तरह की राय व्यक्त की है।

दिलचस्प बात यह है कि पूर्वोत्तर भारत के 59.3 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि वे भारतीय समाचार चैनलों को देखकर थक चुके हैं, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों के 47.6 प्रतिशत लोगों ने ऐसा महसूस किया है।

उत्तर भारत के 57.9 प्रतिशत लोगों ने समाचार चैनलों को देखकर थक जाने की बात मानी, जबकि दक्षिण के लगभग 48 प्रतिशत और पश्चिम भारत के 53.6 प्रतिशत लोगों ने पाया कि वे भी न्यूज चैनल देख कर थक गए हैं।

अगर विभिन्न आय समूह की बात करें तो निम्न आय वर्ग के 52.4 प्रतिशत लोगों ने समाचार चैनलों से थकान महसूस की है, जबकि मध्यम आय वर्ग के 54.4 प्रतिशत और उच्च आय वर्ग के 58 प्रतिशत लोगों ने ऐसा ही महसूस किया है।

शिक्षा समूह के बारे में बात की जाए तो निम्न शिक्षित वर्ग के 52.2 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि वे समाचार चैनलों को देखते हुए थक गए हैं, जबकि उच्च शिक्षित समूह के 56.4 प्रतिशत लोगों ने ऐसा ही महसूस किया है।

ग्रामीण और शहरी भारत के लोगों में इसी सवाल पर थोड़ा अंतर देखा गया है। शहरी भारत के जहां 55.5 प्रतिशत लोगों ने न्यूज चैनल से थक जाने की बात साझा की, वहीं ग्रामीण भारत के 52.8 प्रतिशत लोगों ने ऐसा महसूस किया है।

आयु वर्ग की बात करें तो 18 वर्ष से 24 वर्ष के बीच की आयु वाले युवा वर्ग में 52.4 प्रतिशत ने स्वीकार किया कि वे भारतीय समाचार चैनल देख कर थक गए हैं। इसके अलावा 25 से 34 वर्ष के बीच की आयु वाले लोगों में 55.9 प्रतिशत, 35 से 44 वर्ष में 52.3 प्रतिशत और 55 वर्ष और उससे अधिक आयु के 52 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे भारतीय समाचार चैनलों को देखकर थक चुके हैं।

इस सर्वेक्षण में सभी राज्यों में स्थित सभी जिलों से आने वाले 5000 से अधिक उत्तरदाताओं से बातचीत की गई है। यह सर्वेक्षण वर्ष 2020 में सितंबर के आखिरी सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह के दौरान किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.