इंडिया टुडे ग्रुप ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में बजाई घंटी !

सच, भरोसा और निर्भीक पत्रकारिता की विरासत का जश्न, जहां इंडिया टुडे ग्रुप ने मनाई अपनी गोल्डन जुबली

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भारतीय मीडिया इतिहास में इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने 50 वर्षों की यात्रा पूरी कर एक यादगार अध्याय जोड़ दिया है। गोल्डन जुबली के अवसर पर शुक्रवार, 12 दिसंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एट्रियम में आयोजित सेरेमोनियल बेल रिंगिंग समारोह न केवल एक औपचारिक परंपरा था, बल्कि यह उस भरोसे, संघर्ष और सत्यनिष्ठा का प्रतीक भी बना, जिसे ग्रुप ने पांच दशकों तक निभाया है।

इस ऐतिहासिक मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी, वाइस चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर कली पुरी, ग्रुप सीईओ दिनेश भाटिया और NSE के एमडी एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान ने संयुक्त रूप से घंटी बजाई। यह क्षण मीडिया और वित्तीय संस्थानों के बीच विश्वास और लोकतांत्रिक मूल्यों की साझेदारी को दर्शाने वाला रहा।

पत्रकारिता और राष्ट्र की मजबूती

अरुण पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी देश की वास्तविक ताकत उसकी आर्थिक मजबूती से आती है, जिसे NSE जैसी संस्थाएं आकार देती हैं। वहीं, इंडिया टुडे जैसे मीडिया संस्थान सत्य, पारदर्शिता और जनविश्वास के जरिए उस ताकत की रक्षा करते हैं। यह विचार पत्रकारिता की भूमिका को केवल सूचना देने तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उसे लोकतंत्र का प्रहरी बनाता है।

1975 से डिजिटल युग तक

कली पुरी ने ग्रुप की यात्रा को याद करते हुए कहा कि 1975 में जब इंडिया टुडे की नींव रखी गई, तब से एक ही संकल्प रहा—देश को सच दिखाना, सत्ता से सवाल पूछना और भारत की असली तस्वीर दर्ज करना। आज, 50 साल बाद भी यह मिशन पहले से अधिक मजबूत है। प्लेटफॉर्म बदले हैं, तकनीक बदली है, लेकिन ईमानदार कहानी और भरोसा आज भी पत्रकारिता की सबसे बड़ी पूंजी है।

इतिहास का साक्षी रहा इंडिया टुडे

पिछले पांच दशकों में इंडिया टुडे ग्रुप ने भारत के बदलते राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बेहद करीब से देखा है। 11 प्रधानमंत्रियों, 15 सरकारों और 350 से अधिक चुनावों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग, बड़े घोटालों का खुलासा, संकट के समय जमीनी पत्रकारिता और भारत के एक उभरती वैश्विक शक्ति बनने के सफर का दस्तावेजीकरण—यह सब इंडिया टुडे की पहचान का हिस्सा रहा है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंटरव्यू भी इसी पत्रकारिक परंपरा की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

50 साल की कहानी, नई पीढ़ी के नाम

गोल्डन जुबली के मौके पर ग्रुप ने पांच विशेष फिल्मों की घोषणा की, जिनमें हर दशक की यात्रा और पत्रकारिता के बदलते स्वरूप को दर्शाया गया है। इसके साथ ही एक स्पेशल टीजर, ब्रांड फिल्म और 50-वर्षीय लोगो भी लॉन्च किया गया, जो अतीत की विरासत और भविष्य की दिशा—दोनों को जोड़ता है।

भविष्य की ओर भरोसे के साथ

समारोह के समापन पर इंडिया टुडे ग्रुप ने दोहराया कि आने वाले वर्षों में भी वह सच्ची, जिम्मेदार और निर्भीक पत्रकारिता के अपने मूल्यों से समझौता नहीं करेगा। बदलते दौर में भी जनता तक तथ्य, संतुलन और विश्वास पहुंचाना ही ग्रुप का सबसे बड़ा संकल्प रहेगा।

50 साल का यह सफर सिर्फ एक मीडिया संस्थान की सफलता नहीं, बल्कि भारतीय पत्रकारिता की मजबूती और लोकतंत्र की चेतना का उत्सव है।

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