न्यूज इंडिया (News India) के लॉन्च (Launch) होने की खबर से परेशान इंडिया न्यूज (India News) !
हिन्दी का एक नया चैनल न्यूज इंडिया पूरे जोर-शोर के साथ लॉन्च होने वाला है। फिल्मसिटी (Filmcity) में दफ्तर बन गया है। मैनेजिंग एडिटर के पद पर जी हिंदुस्तान से आए वरिष्ठ पत्रकार पशुपति शर्मा (Pashupati Sharma) ज्वाइन कर चुके हैं। उसके अलावा भी कई धाकड़ लोग चैनल के साथ जुड़े हैं और यह सिलसिला जारी है। चैनल के कंटेन्ट की योजना भी चरम पर है। सूत्रों की माने तो चैनल ने समाचार चैनलों की दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए कई नए कान्सेप्ट (concept) पर आधारित कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार कर ली है और चैनल लॉन्च होते ही इनका प्रसारण शुरू हो जाएगा। न्यूज इंडिया की इन तैयारियों को देखते हुए टेलीविजन न्यूज की दुनिया में हलचल तेज है। चर्चा-परिचर्चा और गॉसिप का दौर तेज है।
न्यूज इंडिया और इंडिया न्यूज में नाम का टकराव
न्यूज इंडिया और इंडिया न्यूज एक से ही नाम प्रतीत होते हैं। अंतर के नाम पर सिर्फ इतना है कि एक का इंडिया आगे है और न्यूज पीछे तो दूसरे का न्यूज आगे और इंडिया पीछे है। बहरहाल इतना तो तय है कि नाम को लेकर दर्शकों को असमंजस जरूर होगा। ऐसे में न्यूज इंडिया को तो इसका फायदा मिलेगा, लेकिन इंडिया न्यूज को घाटा होगा। वैसे भी नाम के लिए संघर्षरत इस चैनल की हालत पहले से ही दयनीय है।
न्यूज इंडिया के आने से इंडिया न्यूज की पहचान का संकट गहराएगा
इंडिया न्यूज अपने लांचिंग के समय से ही पहचान के संकट से गुजर रहा है। लेकिन उसका यह संकट घटने की बजाए बढ़ता ही रहा। दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasia) जैसे दिग्गजों को भी चैनल ने आजमाया, लेकिन बात फिर भी नहीं बनी। दीपक चौरसिया के फेस वैल्यू (Face Value) से जो दर्शक इंडिया न्यूज के स्क्रीन पर खींचे थे वो दीपक के जाते ही उनके साथ दूसरे चैनल के स्क्रीन पर शिफ्ट हो गए। ऐसे में पहचान का संकट जस-का-तस यूँ ही बना रहा। ऐसे में मिलते-जुलते नाम वाले चैनल न्यूज इंडिया के आने से इंडिया न्यूज के पहचान का संकट और अधिक गहरा जाएगा। यदि न्यूज इंडिया ने सालभर में दर्शकों के बीच अपनी थोड़ी सी भी पैठ बना ली तो फिर इंडिया न्यूज के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा होना तय है। इंडिया न्यूज की दिक्कत है कि उसके काफी बाद आए समाचार चैनलों (रिपब्लिक भारत, टीवी9, न्यूज नेशन) ने न केवल अपनी पहचान बनाई , बल्कि टीआरपी (TRP) चार्ट में भी उनका प्रदर्शन इंडिया न्यूज से कहीं बेहतर रहा।
इंडिया टीवी (India TV) और इंडिया न्यूज (India News) में नाम के टकराव का इतिहास
इंडिया टीवी और इंडिया न्यूज दो अलग – अलग नाम है। लेकिन उसके बावजूद दर्शक कन्फ्यूज हुए। इसका फायदा उस व्यक्त इंडिया न्यूज ने उठाया था। अब इतिहास फिर से एक बार अपने आप को दुहरा रहा है। लेकिन इस बार संकट इंडिया न्यूज के लिए न्यूज इंडिया लेकर आ रहा है। देखते हैं कि इस चुनौती का सामना इंडिया न्यूज कैसे करता है?