दीपक चौरसिया एबीपी को बाय-बाय बोलकर अब इंडिया न्यूज जा रहे हैं. मुझे अब इस पर बात नहीं करनी है कि इस चैनल का संबंध जेसिका लाल के हत्यारे मनु शर्मा से है. लेकिन न्यूजलौंड्री पर आप दीपक चौरसिया का इंटरव्यू देखें और अंदाजा लगाएं कि देश के राष्ट्रीय चैनल का एडीटर इन चीफ मीडिया को लेकर क्या समझ रखता है ?
जनाब का मानना है कि मीडिया दरअसल डिमांड और सप्लाय का काम है. दर्शक जो मांगे वो दो. दीपक चौरसिया को अपने उपर इस बात को लेकर गुमान है कि उन्होंने कभी भूत-प्रेत, सांप-बिच्छू को लेकर शो या स्टोरी नहीं की.
न्यूजलौंड्री के अभिनंदन सिकरी ने सही सवाल किया कि लेकिन बनियान पहनकर खली के साथ और राखी सावंत को लेकर शो करते हैं, उससे लोगों का क्या भला हो सकता है ?
हमने ये भी देखा कि कैसे वो बिना हेलमेट के जॉन इब्राहिम के साथ नोएडा में बाइक पर घूमकर शो किया. तब हमने पोस्ट लिखने के पहले गौतमबुद्ध नगर थाने फोन करके इस पर जानकारी भी ली थी.
कोई मीडियाकर्मी किस धनपशु की गोद जाकर गर्म करे, ये उसका निजी फैसला हो सकता है लेकिन मीडिया को लेकर जो वो समझ रखता है, उससे तो एक बात साफ है कि उसे सिर्फ पत्रकारिता करने के लिए नहीं बुलाया जाता है.
हां इस इंडिया न्यूज में पुण्य प्रसून जैसे चेहरे का जाना अपवाद हो सकता है लेकिन राणा यशवंत. ज्यादा दिन नहीं हुए उन्होंने महुआ न्यूज में रहते हुए मीडियाकर्मी को कैसे खून के आंसू रुलाए.
बहरहाल, इस दागदार चैनल में एक से एक दिग्गज जुट रहे हैं. जल्द सरोकार की कडाही में फिर से खबरें जोर-शोर से तलने का काम होगा. अब आप मिस नहीं करेंगे हाथ रगड़ते हुए एक सरोकारी चेहरा के खबर बांचने का सुख.
दरअसल, आम आदमी, बहरहाल, मसला औऱ कुछ राजनीतिक कटाक्ष से स्क्रीन फिर गुलजार होगा. आप सबों को अग्रिम बधाई.
(मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के एफबी वॉल से)
Kyun “isse” bekaar ki publicity de rahe ho.
Beshak ye tab bacch gaya…
But{t}…
Geedadh ki jab maut aati hai toh woh khud hi “JUNGLE” ki ore bhaag leta hai…
Bhool gaye kya?
CHALO khair main kameen bhi behti ganga mein ab haath dhho hi loon,
Waise bhi aaj Makar SanKraanti par aaisa karna shubbh hi rahega—>
Tihaari ye nahi to Kya sahi
Aur galat tu hai Ye nahi
Ye sahi galat ka Pherr wahi
Jahan SATYA hi SHIV hai
Aur SUNDAR bhi wahi
Daagi bas neta hi naa hain
Ab to “Patra-Kalaa-Kaar” bhi sahi
Poster Boy naa bane to kya Rajat ki ADAALAT naa chali
Suhaib se thi ibbtadaa (begining)
Ab to usse bhi court se raahat mili
Kuch beech mein KavYittri/Patrakaar bhi raheen (poetess)
Kuch netaaon ki Prem Pipaasa
Kisi ne Amar Mani Tripathi ki jai kahi
Kuch aaj bhi NDTV mein “Buck-Buck” kar raheen
PR apna bhi aur apne FOOD mein bas “Veerye” “Vir hi nahi”
Phir bhi tu iss DADHIYAL ka peecha na chhode
Jo jungle j(z)aroor jaayega
Aaj nahi to kal “Jaroor” sahi
Kyunki Veerye Varrdhak PatraKaarita to AAJ…
“AUR Ab” “Aapaat-Kaaleen” hi rahi
Bade bade Sherr bhagg gaye…
But{t}…
Tere kossne ko, ye Geedhad hi sahi…
Tatthaas-Tu!!!
Kya aapke andar ka GOD ShaReeF hai?
Nahiiiiiiiiiiii iiiiin…
Dhatt tere ki!