विष्णुगुप्त-
अरविन्द केजरीवाल ने सोचा तक नहीं होगे कि उनके उपर भी भ्रष्टचार का बम फूट सकता है। अब तक तो वे दूसरों के सिर पर भ्रष्टचार का बम फोडते थे और कहते थे कि पूरी दुनिया भ्रष्ट हैं, एक हम ही हैं जो ईमानदार है, भ्रष्टचार हम ही मिटा सकते हैं। भ्रष्टचार का बम अरविन्द केजरीवाल के सिर पर भाजपा या कांग्रेस वाले फोडते तो कहा जा सकता था कि यह एक साजिश है और आरोपों में कोई दम नहीं है। भ्रष्टचार का बम तो उनकी पार्टी के ही बडे नाम वाले नेता कपिल मिश्रा ने फोडा है जो एक दिन पूर्व तक अरविन्द केजरीवाल के मंत्रिमंडल में शामिल थे। कपिल मिश्रा ने कहा है कि बदनाम मंत्री सत्येन्द्र जैन से दो करोड रूपये लेते हुए उन्होंने अपने आंखों से देखा है। कहने के लिए अरविन्द केजरीवाल यह कह सकते हैं कि मंत्री पद से हटा दिया, इसीलिए कपिल मिश्रा ने उन पर आरोप लगाये हैं।
प्रतिक्रिया जैसी हुई है उसी देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अरविन्द केजरीवाल की कथित तौर पर ईमानदार छवि पर दाग लग ही गया है, अब अरविन्द केजरीवाल दूसरों को भ्रष्ट कैसे कह सकते हैं। कभी उनकी पार्टी में रहे योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे लोग कथित तानाशाही और सत्ता के लालच के खिलाफ पहले से ही गर्म थे और ये अरविन्द केजरीवाल के लिए मुसीबत खडी कर रहे थे। अब अन्ना हजारे अपनी चिंता जता रहे हैं। अन्ना हजारे का कहना है कि भष्टचार की बात सुनकर उन्हें दुख हुआ है और अरविन्द केजरीवाल ने तानाशाही और सत्ता से जुडे रहने के लालच में एक महान आंदोलन को तहस-नहस कर दिया। शायद अरविन्द केजरीवाल को उत्पन्न राजनीतिक परिस्थितियों का भान नहीं होगा पर सच्चाई यह है कि अरविन्द केजरीवाल लगातार उन लोगों से ही घिरते जा रहे हैं जिन्होंने अन्ना और लोकपाल आंदोलन में साथ दिया था और जिनके बदौलत अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे।
निष्कर्ष यह है कि अब अरविन्द केजरीवाल को अपनी पार्टी को एक रखना कठिन होगा। आप पार्टी में भगदड मच सकती है। अगर आप पार्टी में भगदड मचती है और विधायक आप पार्टी से भागते हैं तो फिर आम आदमी पार्टी की सरकार गिर भी सकती है, आम आदमी पार्टी बेमौत मर सकती है। एक आंदोलन से निकले सपने का सर्वानाश होते हम सब देख रहे हैं और आगे भी देखेंगे।