कांग्रेस को भारी पड़ेगा मोदी को दलाल कहना

कांग्रेस को भारी पड़ेगा मोदी को दलाल कहना
कांग्रेस को भारी पड़ेगा मोदी को दलाल कहना

मोदी को शहीदों के खून की दलाल कहना भारी पड़ सकता है कांग्रेस को

-निरंजन परिहार-

निरंजन परिहार
निरंजन परिहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शहीदों के खून की दलाली करनेवाला बताना राहुल गांधी की राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। माना जा रहा है कि उनका यह बयान कांग्रेस को बहुत भारी पड़ सकता है। ताजा माहौल में भी साफ दिख ही रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को शहीदों के खून की दलाली करनेवाला कहकर खुद को तो चौतरफा हमले के माहौल में डाल ही दिया है, कांग्रेस पार्टी के लिए भी उन्होंने बड़ी मुसीबत मोल ली है। आनेवाले कई दिनों तक माहौल इसी राहुल गांधी के इस बयान के खूनी रंग में रंगा रहेगा, यह साफ दिख रहा है।



कांग्रेस को भारी पड़ेगा मोदी को दलाल कहना
कांग्रेस को भारी पड़ेगा मोदी को दलाल कहना
कांग्रेस नेताओं की ओर से जब जब मोदी और बीजेपी के खिलाफ बेहद सख्त शब्दों के इस्तेमाल किए गए है, हर बार कांग्रेस का वह दांव उल्टा ही पड़ा है। राहुल गांधी ने भले ही बहुत आसानी से कह दिया हो, लेकिन ऐसे सख्त बयानों को नरेंद्र मोदी इतनी आसानी से नहीं लेते। मोदी और उनकी बीजेपी एक खास रणनीति के तहत इस तरह के आरोपों को बहुत अच्छे तरीके से भुनाते रहे हैं। भले ही वह सोनिया गांधी द्वारा मोदी को मौत का सौदागर वाला बयान हो या इससे पहले राहुल गांधी का मोदी को जहर की खेती करनेवाला बताया गया हो, इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने जब जब इस तरह के बयान दिए हैं, तब तब उसे बहुत महंगा पड़ा है।

भले ही खाट की वजह से किसान यात्रा अकसर विपरीत चर्चा में भी रही। लेकिन फिर भी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में देवरिया से शुरू हुई किसान यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करके दिल्ली पहुंचे थे। मगर, राजधानी पहुंचते ही उन्होंने सब गुड़ गोबर कर दिया। अपना मानना है कि कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि पूर्व में उसके नेताओं के ऐसे बयानों के बाद उनका क्या हश्र हुआ है। सन 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को जहर की खेती करने वाला बताया था। लेकिन उनके इस आरोप के बाद देश भर में मोदी के पक्ष में जोरदार लहर बनी जो देश में पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में सहयोगी रही। उससे पहले जब सन 2007 में जब मोदी गुजरात के सीएम थे, तब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवसारी की एक रैली में नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। कांग्रेस ने पहले मोदी को मौत का सौदागर, फिर जहर की खेती करनेवाला और अब शहीदों के खून की दलाली करनेवाला कहा है।

राजनीतिक जानकारों की राय में उनका यह बयान यूपी में कांग्रेस की खटिया खड़ी करने का ताना बाना बुननेवाला बयान साबित होगा। वैसे, राजधानी की इस रैली में कांग्रेसिय़ों में लट्ठमलट्ठा जंग भी हुई। किसी का सिर फूटा, तो किसी का खून बहा। कांग्रेस के नेता अशोक तंवर के सिर पर भी लाठी लगी। लेकिन उससे भी ज्यादा भारी राहुल गांधी का शहीदों के खून की दलाली का बयान रहा, जो कांग्रेस की किस्मत फोड़नेवाला साबित हो सकता है। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक के तत्काल बाद यूपी के अपनी सभा में सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने दो वर्षों में पहली बार कोई अच्छा काम किया है। लेकिन दिल्ली आते ही राहुल ने मोदी को शहीदों के खून का दलाल बता दिया। किसान यात्रा की समापन रैली में राजधानी में राहुल ने कहा कि हमारे जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपना खून दिया है। उनके खून के पीछे आप (मोदी) छिपे हो। उनकी आप दलाली कर रहे हो। जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी को इस कदर हमलावर नहीं होना चाहिए था। यूपी में 27 साल बाद सत्ता वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस के युवराज ने अपनी किसान यात्रा की मेहनत पर खुद ही पानी फेर दिया है।

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.