मीडिया की दुनिया आगे बढ़ गयी. प्रभु चावला आगे बढ़ गए. उनका कारवाँ सीधी बात से तीखी बात तक पहुँच गया.
लेकिन भास्कर वाले अभी तक ऐसे कुम्भकर्णी नींद में सोये हुए हैं कि उन्हें दुनिया वहीं–की-वहीं दिखाई दे रही है.
भास्कर को प्रभु चावला इंडिया टुडे के संपादक और सीधी बात के एंकर दिखाई देते हैं जबकि प्रभु चावला को इंडिया टुडे ग्रुप को अलविदा कहे हुए एक जमाना हो गया.
इस दौरान ईटीवी और IBN-7 पर उनका शो चला . इधर सीधी बात को कुछ समय तक एम.जे.अकबर और उसके बाद से राहुल कँवल पेश कर रहे हैं.
लेकिन भास्कर वाले तब भी नहीं जागे और जब जागे तब ये रिपोर्ट फ़ाइल की. आप भी गौर फरमाएं. वैसे यह कम जानकारी के अलावा कॉपी – पेस्ट का भी मामला जान पड़ता है :
PICS: जानिए मीडिया में धाक जमाने वाले बेहतरीन 14 पत्रकारों को
dainikbhaskar.com | Jan 18, 2013, 13:25PM IST
प्रभु चावला इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे समूह के संपादकीय निदेशक हैं। रिपोर्टर और संपादक के तौर पर 25 साल में इन्होंnने ऐसी घटनाओं पर व्या पक ढंग से लिखा, जिसने भारतीय राजनीति और इसे संचालित करने वालों की दिशा बदल कर रख दी।
प्रभु ने इंडिया टुडे के प्रादेशिक संस्कशरणों को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और बंगाली भाषाओं में आरंभ किया। इसके अलावा प्रभु ‘आज तक’ पर प्रसारित होने वाले साप्ता,हिक टॉक शो ‘सीधी बात’ के एंकर भी हैं। प्रभु द्वारा राजनीति, व्याेपार और संस्कृॉति के क्षेत्र में खबर बनाने वालों का अनोखे तरीके से किए गए एनकाउंटर के चलते यह भारतीय टेलीविजन में सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम बन गया है।
इंडिया टुडे में शामिल होने से पहले प्रभु चावला दिल्लीे विश्वसविद्यालय में अर्थशास्त्रि के व्याख्याता थे. ये ‘द इंडियन एक्सवप्रेस’ और ‘फाइनेंशियल एक्स प्रेस’ के संपादक भी रह चुके हैं। इन्होंयने समसामयिक घटनाओं व खोजी रिपोर्टिग में ‘जीके रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड’ और पत्रकारिता में उत्कृसष्ट प्रदर्शन के लिए ‘फिरोज गांधी मेमोरियल अवॉर्ड’ समेत कई राष्ट्री य पुरस्कांरों को अपने नाम किया है। इन्हेंक 2003 में ‘पद्मभूषण’ पुरस्काखर से भी सम्माकनित किया जा चुका है।