आशुतोष का BUT और रवीश का मोबाईल खटकता है साहिब !

ashutosh tv journalist

आशुतोष हिंदी – अंग्रेजी शब्दों के मिश्रित प्रयोग के पक्षधर हैं. भाषा पर हुए एक सेमिनार में कहा कि भाषा जितनी अशुद्ध होगी उतना उसका विस्तार होगा. मैं पिछले बीस साल से हिंदी में कॉलम लिख रहा हूँ और जहाँ जरूरी होता है उसमें अंग्रेजी – उर्दू भाषा का इस्तेमाल करता हूँ. इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं. बस भाषा खटकनी नहीं चाहिए.

लेकिन ये प्रवचन देकर आशुतोष लगता है कि खुद ही भूल गए कि वे भी कुछ ऐसा बोलते हैं जो बार – बार खटकता है. यह शब्द है ‘BUT’. इस शब्द का आशुतोष गैरजरूरी तरीके से बार – बार इस्तेमाल करते और कई बार ये वाक्य विन्यास बनाने में भी कोई मदद नहीं करता.

कल ही का उदाहरण लीजिए. IBN-7 पर आशुतोष परिचर्चा कर रहे हैं. बहस ठीक हो रही थी. लेकिन कार्यक्रम के दौरान बेमतलब में कई बार BUT बोलते रहे. But यदि ……….ये बोलने का क्या मतलब और ये कौन सी बोलचाल की भाषा हुई?

माना कि अंग्रेजी के शब्दों के इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं , लेकिन बेमतलब BUT ????? खटक रहा है आशुतोष जी. यकीन न हो तो अपनी रिकॉर्डिंग खंगाल लें. हमें डर है कि BUT …. BUT के चक्कर में कहीं किसी रोज कोई आपको SHUT UP न कर दे.

उधर अपने रवीश कुमार भी कुछ शब्द दुहराते रहते हैं. ठीक है … ठीक है. लेकिन वे तो भाषा के महारथी हैं जो भी बोलते हैं अच्छा ही लगता है. लेकिन आजकल बहस के दौरान ठीक है – ठीक है कहते – कहते मोबाईल पर भी लगे रहते हैं. शायद सोशल मीडिया की खोज – खबर लेते होंगे.

लेकिन कल प्राइम टाइम में हो रही बहस में एक गेस्ट ने इसे नोटिस कर लिया और लगे हाथों टोक भी दिया.

हालाँकि टोकने का काम ज्यादातर रवीश कुमार ही अक्सर करते हैं. लेकिन कल एनडीटीवी के प्राइम टाइम में उल्टा हो गया. प्रताप सिंह बाजवा नाम के एक गेस्ट ने रवीश को टोक दिया.

दरअसल बाजवा साहब बोल रहे थे और रवीश कुमार मोबाईल देखने में लगे थे. प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आप थोड़ी मेरी बात सुनिए, मोबाईल मत देखिए. रवीश ने कहा , नहीं – नहीं मैं सुन रहा हूँ …………………

लेकिन रवीश जी बहस छेड कर यूं मोबाइल में काहे घुसे रहते हैं. खटकता है भाई. गेस्टवा नराज होते हैं , समझें न. उ बुरबक नाही. …………….

इसीलिए न कहते हैं कि आशुतोष का ‘BUT’ और रवीश का मोबाईल खटकता है साहिब !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.