देश में पिछले कुछ समय से सिर्फ दो ही चीजों का इंतजार हो रहा था. एक बाहुबली -2 का और दूसरा टीवी न्यूज़ पर अर्नब गोस्वामी की वापसी का. पहले बाहुबली-2 आयी और आते ही सिनेप्रेमियों के बीच छा गयी. फिर अर्नब अपनी रिपब्लिक के साथ आये और आते ही पहले दिन से छा गए. प्रसारण के साथ ही लालू यादव और शहाबुद्दीन की बातचीत का स्टिंग ऑडियो प्रसारित कर अर्नब और उनका चैनल रिपब्लिक सुर्ख़ियों में छा गया. उसपर विवाद शुरू हो गया और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला सा चल पड़ा.कांग्रेस के एक नेता ने तो इशारे-इशारे में चैनल के बॉयकाट करने की मांग तक कर डाली.
6 मई को लांच हुए चैनल रिपब्लिक पर लालू और शहाबुद्दीन का ऐसा ऑडियो सुनाया गया जिसमें शाहबुद्दीन लालू प्रसाद यादव को सीवान के एसपी को हटाने की बात कर रहा है. ऑडियो में शाहबुद्दीन को ‘आपका एसपी खत्म है’ कहते सुना जा सकता है.
ऑडियो में शाहबुद्दीन कहता है कि रामनवमी के दिन सीवान में पुलिस तैनात नहीं होनी चाहिए थी. इतना ही नहीं शाहबुद्दीन दंगे होने की बात कहकर लालू को चेतावनी देने की भी कोशिश करता है. शाहबुद्दीन लालू को बताता है कि सीवान के आसपास रामनवमी के दिन पत्थरबाजी और गोलियां चली हैं. लालू यादव पूरी बात सुन रहे होते हैं और अंत में ‘एसपी को फोन लगाते हैं’ कहकर फोन रख देते हैं.
सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब बहसबाजी चल रही है. कुछ समर्थन कर रहे हैं और कुछ विरोध. कुछ प्रतिक्रियाएं –
काजल कुमार – अर्नब गोस्वामी ने नया चैनल क्या शुरू किया
लगता है बंदे ने लालू पकड़ने की सुपारी ली है:
इसके चैनल पर कल से बस यही एक ख़बर चल रही है
दिलीप खान – जब नरेन्द्र मोदी ने एक लड़की का पीछा करने के लिए पूरे राज्य की पुलिस को लगा दिया था, तो अर्णब ने क्या किया था टेप का? उस वक़्त तो मोदी PM भी नहीं थे।
जब तहलका ने सीरीज में CM मोदी और पुलिस अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और सचिवों के बीच दंगों से जुड़ी बातचीत का टेप पब्लिक किया था तो अर्णब क्या कर रहे थे?
अर्णब को टेप चाहिए क्या? राजीव चंद्रशेखर के चैनल में चला पाएंगे? कुछ टेप्स मैं मुहैया करा दूंगा।
लालू यादव और शहाबुद्दीन की बातचीत का ग़लत ट्रांसलेशन चलाकर सनसनी फैला दी! उस पूरी बातचीत में दंगा रोकने की बात हुई है।
शहाबुद्दीन को फोन जेल में कैसे मिला, इसके लिए जेलर को तलब कीजिए।
आलोक पौराणिक – बिहार में रोजगार भले न हो,बिहार से रोजगार बहुतों को है, अर्नब गोस्वामी ने अपने रिपब्लिक चैनल की शानदार शुरुआत बिहार के लालू-डॉन शहाबुद्दीन संवाद से ही की है।
क्विक शॉट्स: चूहोंं को शराब और धुरंधरों को रोजगार दे रहा बिहार
लालू-शहाबुद्दीन के कॉल टेप का खुलासा शायद वो माहौल बनाना हो सकता है जिसमें नीतीश गठबंधन तोड़ दें लालू से।
जिस तरह रिपब्लिक टीवी इस पूरे मामले को पेश कर रही है और भाजपा की सक्रियता दिख रही है उससे ये संदेह पैदा होता है। माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि नीतीश की छवि पर सवाल उठे। और जैसा कि सब जानते हैं कि नीतीश अपनी छवि को लेकर कैसे हैं। ऐसे में हो सकता है कि नीतीश अपनी छवि को और चमकाने के लिए गठबंधन तोड़ दें। और फिर भाजपा इसका क्रेडिट लेगी। नीतीश को सपोर्ट करेगी बाहर से सरकार बचाये रखने के लिए या सीधे-सीधे गठबंधन कर लेगी।
पूरे मामले से किसी बड़े राजनीतिक योजना/साजिश की बू आ रही है।
हेमंत चौधरी – #RepublicTV और अर्णब का आज का धमाका इतना बड़ा था कि सुशासन वाले घर से धुआँ अभी तक निकल रहा है!बिहार में बहार है!
प्रभात रंजन – अर्णब का नया चैनल रिपब्लिक इंग्लिश में हिंदी चैनल टाइप शुरू हुआ है। साधारण बात को असाधारण बनाकर पेश करने की शैली में। लालू-शहाबुद्दीन की बातचीत के टेप में ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। रामनवमी के दिन शहाबुद्दीन सीवान में शांति व्यवस्था की बात कर रहा है। उसने कहा- खतम है आपका एसपी जिसका मतलब है कि वह किसी काम का नहीं है- he is useless या worthless. चैनल अंग्रेजी अनुवाद में बता रहा है- your sp is finished. यह भ्रामक अनुवाद है। खतरनाक।
हाँ, यह टेप नीतीश कुमार के लिए एक मोरल कैच की तरह है। नीतीश जी नैतिकता की बात बहुत करते हैं। दूसरे इस बातचीत से साफ दिख रहा है कि सरकार में किसी पद पर न होने के बावजूद लालू जी जिले में तैनात अधिकारियों को निर्देश देने का अधिकार रखते हैं। वे सुपर सीएम टाइप हैं। यह खुलासा यह बता देता है कि नीतीश जी खोखले हो चुके हैं।
बरसों बाद भाजपा ने आखिरकार नीतीश जी को उनके ही फंदे में फंसा लिया है।