इंडिया टीवी के ऐतराज के बीच अनुराग मुस्कान की इंडिया न्यूज़ में एंट्री

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एंकर अनुराग मुस्कान ने अपनी नयी पारी की शुरुआत इंडिया न्यूज़ के साथ की है. किसी ज़माने में वे स्टार न्यूज़ (अब एबीपी न्यूज़) के साथ थे. वहां से  वे राज्यसभा टीवी में आए.

लेकिन वहां ज्यादा दिन नहीं टिक पाए और फिर इंडिया टीवी का रूख किया. ऐसा लग रहा था कि वे अब वहां सेट हो गये हैं और इंडिया टीवी में लंबी पारी खेलेंगे तो फिर अचानक उसपर ब्रेक लगाते हुए उन्होंने इंडिया न्यूज़ का रूख किया.

इंडिया न्यूज़ ज्वाइन करने के बाद अनुराग मुस्कान ने एंकरिंग भी शुरू कर दी है. लेकिन उनके इंडिया न्यूज़ ज्वाइनिंग से संबंधित एक विवाद भी अनाधिकारिक तौर पर सामने आ रहा है.

ऐसी खबर है कि अनुराग मुस्कान को इंडिया न्यूज़ ज्वाइन करने की वजह से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा और इंडिया टीवी को एक रकम चुकानी पड़ी. सूत्रों के मुताबिक इंडिया न्यूज़ ज्वाइन करने की वजह से अनुराग को छह महीने की अपनी सैलरी के बराबर की रकम इंडिया टीवी को देना पड़ा. लेकिन फिर भी अनुराग पर इंडिया टीवी ने मुकदमा ठोक दिया है.

दरअसल इंडिया टीवी में ऐसा नियम है कि यदि इंडिया टीवी किसी पत्रकार या एंकर को निकालता है तो उसे तीन महीने की सिर्फ नोटिस देता है (कोई सैलरी नहीं). लेकिन यदि अनुराग मुस्कान जैसा कोई खुद अपनी मर्जी से जाना चाहता है तो उसे छह महीने की सैलरी चैनल को देनी पड़ती  है.

अन्यथा रिलीव न करने के साथ – साथ चैनल उसे कोर्ट में भी घसीट सकता है.पूर्व में इंडिया टीवी ‘अबुल नस्र इकबाल’ नाम के अपने एक एंकर के साथ कॉन्ट्रेक्ट तोड़ने का आरोप लगाकर ऐसा कर चुकी है. संयोगवश वह मामला भी इंडिया टीवी से इंडिया न्यूज़ जाने का ही था. तब इंडिया टीवी ने कॉन्ट्रेक्ट उल्लंघन के आरोप में अबुल पर एक करोड़ का दावा ठोका था.

लेकिन ऐसा नहीं कि ऐसा सिर्फ इंडिया टीवी में ही होता है. दूसरे चैनलों में पूर्व में ऐसा होता आया है. ज़ी न्यूज़ की कंसल्टिंग एडिटर अलका सक्सेना के साथ भी ऐसा हुआ था जब वे आजतक छोड़कर ज़ी न्यूज़ आई थी.

लेकिन संयोगवश वे मुकदमा जीत गयी थी. इस मामले में अलका सक्सेना बनाम आजतक मुकदमे की यह नज़ीर काम आ सकती है. जब 2001 में वह आजतक छोड़कर ज़ी गई थीं तब आजतक ने एंकरों पर यह शर्त लगा रखी थी कि वो नौकरी छोड़ेंगे तो छह महीने तक किसी दूसरे चैनल पर दिख नहीं सकते.

अलका सक्सेना पर कंपनी ने मुकदमा किया और उन्होंने ये मुकदमा इस बिना पर जीता कि हर शर्त दो तरफा होनी चाहिए. अगर कंपनी उनपर ये शर्त लगा रही है तो बदले में वो उन्हें क्या दे रही है. .. ये भी बिलकुल वैसा ही मामला है. अनुराग मुस्कान सुन रहे हैं ना ……….. तो सबक लीजिए और अपने अधिकारों की रक्षा कीजिए.

वैसे इंडिया टीवी को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. चैनल के मालिक रजत शर्मा खुद इतने प्रतिष्ठित पत्रकार होकर पत्रकारों का ऐसे हक मार रहे हैं. आश्चर्य होता है.

अनुराग मुस्कान का प्रोफाइल :

अनुराग मूलतः आगरा के रहने वाले हैं और पिछले दस – ग्यारह – साल से इलेक्ट्रौनिक मीडिया से जुड़े हुए हैं. लेखन में भी इनकी गहरी अभिरुचि है. व्यंग्य, लेख एवं कहानियां विभिन्न पत्र – पत्रिकाओ में प्रकाशित होते रहती है. व्यंग्य संग्रह ‘चौथा बंदर’ नाम से आया है. इसके अलावा विगत में ये आगरा आकाशवाणी एवं मंचों के लिए नाट्य लेखन में भी सक्रिय रह चुके हैं. सालों तक मंचों पर काव्य पाठ भी किया और अपनी लिखीं ग़ज़लें भी पढ़ी हैं. इन सबका असर उनकी एंकरिंग और वायस माड्यूलेशन में साफ़ – साफ़ देखने को मिलती है. फोटोग्राफी में भी उनकी गहरी दिलचस्पी है.

वर्तमान संस्थान : इंडिया न्यूज़

पूर्व संस्थान : सहारा समय, स्टार न्यूज़, राज्यसभा टीवी, इंडिया टीवी

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