#Agenda14 आजतक के सालाना कार्यक्रम ‘एजेंडा आजतक’ में आज बातों – बातों में ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रख्यात टेलीविजन एंकर पुण्य प्रसून पर निशाना साधा.
दरअसल आजतक एजेंडे की शुरुआत ‘एकला चलो रे’ विषय के साथ शुरू हुई. सत्र का संचालन राहुल कँवल कर रहे थे और उनके सामने अमित शाह थे. बातचीत में मुद्दा धर्मांतरण का भी आया.धर्मांतरण पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि इसपर क़ानून बनना चाहिए. सभी दलों के लोगों को मिल-बैठकर बातचीत करनी चाहिए.
बहरहाल यही सब कहते हुए अचानक ही अमित शाह, पुण्य प्रसून बाजपेयी की तरफ मुखातिब हुए जो मंच के नीचे कुर्सी पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण के मुद्दे पर मुझसे तो सवाल पूछेंगे लेकिन पुण्य प्रसून दूसरे दलों के नेताओं से नहीं पूछेंगे. अमित शाह के इस वक्तव्य पर हॉल में मौजूद लोगों के अलावा खुद पुण्य प्रसून भी हंस दिए. हालांकि अगले ही सत्र में उन्होंने शुरुआत ही इस सवाल से किया और लालू,शरद और सीताराम येचुरी से धर्मांतरण के मुद्दे पर सवाल पूछा.
वैसे अमित शाह यहीं नहीं रुके. उन्होंने मीडिया को भी खूब लपेटे में लिया. राहुल कँवल ने अमित शाह को घेरने के लिए कई अच्छे सवाल किए,लेकिन उतनी ही चतुराई से अमित शाह सवालों की दीवार को गिरा कर निकल गए और जहाँ मुश्किल आयी है वहां मीडिया को आड़े हाथों ले लिया. मसलन लव जेहाद के सवाल पर उन्होंने लव – जेहाद को मीडिया की देन करार दिया. फिर उन्होंने राहुल कँवल से ही सवाल पूछ लिया कि देश मीडिया से चलेगा या कानून से?
राहुल कँवल ने जब अमित शाह को इतने आत्मविश्वास से बोलते देखा तो पूछ लिया कि आपको ये आत्मविश्वास (Confidence) आता कहाँ से है? इसपर अमित शाह ने कहा कि ये विश्वास मीडिया के मूड से नहीं आता. बल्कि जनता के मूड से आता है.
पूरे सत्र के दौरान अमित शाह ने मीडिया का कई दफे जिक्र भी किया और मीडिया व पत्रकारों पर हमले भी. वैसे पुण्य प्रसून बाजपेयी से तो वैसे ही उनकी नाराजगी होगी क्योंकि हाल ही में उन्होंने अपने एक लेख में अमित शाह का बाकायदा नाम लिखकर ये लिखा कि खबर को लेकर अमित शाह ने एक रिपोर्टर को धमकाया था और खबर न गिराने की सूरत में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी.