आम आदमी पार्टी के फायर ब्रांड नेता संजय सिंह की दलीलें सुनिए और बताइए कि क्या केजरीवाल राजेश गर्ग से जो बात कह रहे थे , वो political realignment है . मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही है कि राजेश गर्ग ने केजरीवाल से बातचीत का टेप जब कुमार विश्वास को दे दिया था , तो संजय सिंह समेत कई पार्टी नेता ये क्यों कहते रहे कि उन्हें इस टेप के बारे में नहीं पता .
पहले दिन जब टेप की ख़बर चली तो संजय सिंह से मैं टेप के बारे में पूछता रहा , वो कहते रहे कि उन्हें कुछ नहीं मालूम . ये भी कहते रहे कि इस टेप को चलाने से पहले आप सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग देख लें . टेप को फ़र्ज़ी और साज़िश भी बताते रहे , वो भी तब जब अंजलि दमानिया ने केजरीवाल की आवाज़ पहचानकर पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया .
शाम होते होते जब आप नेताओं को समझ में आ गया कि केस डिफेंसेबल नहीं है तो खेतान साहब ये कहते हुए नमूदार हुए कि टेप में ऐसा क्या है? ये तो political realignment है , लोकतंत्र में हमेशा से होता रहा है . फिर एक सुर में आप नेताओं ने अपना गियर चेंज किया और कहने लगे कि टेप में ग़लत क्या है . हमने संजय सिंह से दोबारा बातचीत की तो वो केजरीवाल से राजेश गर्ग की बात को जस्टीफाई करते नज़र आए . अब कुमार विश्वास कह रहे हैं कि राजनीति कमेंट कोई भागवत पाठ के लिए को आया नहीं है .
बात कुछ हज़म नहीं हो रही है . अगर आप जोड़ तोड़ की राजनीति को political realignment कह रहे हैं तो आप कहिये कि आप भी अब तोला बदल रहे हैं . फिर तो नरसिंह राव ने जेएमएम को तोड़ा तो वो भी रिअलाइनमेंट था , अजित सिंह ने हर सरकार में मलाई काटी , वो भी रीअलाइनमेंट था , सरकार बचाने -बनाने के लिए अब तक जितने भी खेल हुए , सब political realignment का हिस्सा था . धन्य हैं आप