
इंडिया टीवी के अजीत अंजुम अक्सर सोशल मीडिया पर किसी- न- किसी तारीफ़ करते ही रहते हैं. इसमें नए -से- नए और पुराने -से- पुराने लोग शामिल होते हैं. उदय शंकर से लेकर वे पैनल प्रोड्यूसर, यहाँ तक कि इंटर्न की भी वे तारीफ़ करने से वे नहीं चूकते, बस बात दिल को छूनी चाहिए. ये उनकी कमजोरी भी है और एक तरह से बड़प्पन भी. आप जिस नज़रिए से चाहे देख सकते हैं. आज उन्होंने इंडिया टीवी के सीनियर एंकर सौरभ शर्मा की जमकर तारीफ़ की है. पढ़िये –
अजीत अंजुम

एक आदमी अच्छा प्रोफ़ेशनल भी हो, अच्छा इंसान भी हो , अच्छा साथी भी हो और इस हद तक अच्छा हो उसका कोई दुश्मन न हो, उसे नापसंद करने वाला न हो , पीठ पीछे उसकी कमियाँ गिनाने वाला न हो , उसके तौर -तरीक़ों की आलोचना करने वाला न हो …ऐसे लोग बहुत कम होते हैं ( या होते होंगे ) . सच कहें को ऐसे लोग ज़िंदगी में कम मिलते हैं , लेकिन इंडिया टीवी के सौरव शर्मा ऐसे लोगों में से ही हैं . मैं सौरव को नाम और काम से तो बीते सात-आठ सालों से जानता हूँ लेकिन साथ काम करते हुए सौरव को मैंने सात महीने के दौरान ही जाना है.
हँसमुख ,मिलनसार , बेहतर पॉज़ीटिव एनर्जी से लबरेज़ और सबका दिल जीतने वाला . पूरे न्यूज़रूम में शायद एक भी आदमी नहीं होगा , जो सौरव को नापसंद करता हो. न प्राइम टाइम एंकर होने का गुमान, न कोई फाल्स इगो , न ख़ुराफ़ाती हरकतें , न जोड़ तोड़ की फ़ितरत , न दूसरे के हिस्से के मौक़े छीनकर आगे बढ़ने की अतिमहत्वाकांक्षा …ये क्या आदमी है यार …मैं अक्सर न्यूज़रूम से कईयों के सामने उससे कहता कहता हूँ कि तुम इतने अच्छे आदमी कैसे हो यार …जवाब में वो सिर्फ़ मुस्कुराता रहता है …
एक सीनियर एंकर के तौर पर सौरव शर्मा भरोसेमंद हैं . अपने काम से मतलब रखते हैं . मौक़े की नज़ाकत के हिसाब से कभी शालीन और ज़हीन अंदाज में , तो कभी तेवर के साथ एंकरिंग करते हैं . कोई चीख़ -चिल्लाहट या शोर -शराबा नहीं . संजीदगी से किसी भी मुद्दे पर लाइव शोज़ की अच्छी और विश्वसनीय एंकरिंग करते हैं . स्क्रीन पर कोई Arrogance नहीं दिखाते . न्यूज़ चैनलों में ऐसे गिनती के एंकर हैं और सौरव उनमें से एक हैं . इन सबसे बड़ी बात है एक अच्छा इंसान होना . यही बात सौरव को औरों से अलग खड़ा करती है .आज शाम दफ़्तर की पार्टी में हम साथ थे , तभी मैंने सोचा कि जो बात दिल में है , उसे लिख भी देना चाहिए .
न्यूज़रूम का जूनियर से जूनियर और सीनियर से सीनियर अगर सौरव को पसंद करता हो तो कुछ तो खास बात है बंदे में . मैंने कई एंकर को देखा है . अगर किसी एंकर को ये पता हो कि कंपनी के एमडी और चेयरमैन उसे बेहद पसंद करते हैं तो उसका कई बार एरोगेंस सर चढ़कर बोलने लगता है . एंकर रोने का गुमान भी कईयों का दिमाग़ ख़राब कर देता है और आत्ममुग्धता का क़ैदी बना देता है . अगर दिमाग़ ख़राब नहीं भी है तो न्यूज़रूम में दस आपको पसंद करेंगे तो आपके तौर तरीक़ों को लेकर इससे ज़्यादा लोग नापसंद करेंगे और पीठ पीछे नापंसदगी का इज़हार करते रहेंगे लेकिन सौरव के साथ ऐसा नहीं है , तो मेरा लिखना तो बनता है न ? एक अच्छे इंसान के लिए , जिसे सभी पसंद करते हैं .