अजीत अंजुम,प्रबंध संपादक,इंडिया टीवी
टीवी न्यूज़ चैनल्स पर भूत /प्रेत /रहस्य /रोमांच/ डायन/ चुड़ैल और परियों की वापसी हो गई है ..कोई भूतों की खोज पर निकल पड़ा है तो कोई अद्भुत .. अकल्पनीय और अविश्वसनीय किस्से खोज रहा है … कोई आधी रात को किले में प्रेत की की तलाश कर रहा है तो कोई रहस्यलोक की सैर कर रहा है …खोह/खंडहर/किला/मंदिर/पाताल/कुआं/धुआं/बाग/बगीचा..हर जगह होगी अब तलाश …
जबरदस्त कॉम्पिटिशन है …जिस दौर से निकले थे ,उसी दौर में लौट रहे हैं …कई सालों बाद प्रेत मुक्ति मिली थी ..फिर प्रेत बाधा के शिकार हो रहे हैं …
सब रेटिंग की माया है …एक चैनल को रहस्य से रेटिंग क्या मिली, सब रहस्य कथाओं की तलाश में जुट गए हैं …
देखिए कहाँ तक जाते हैं …
दस साल पहले जो Reporter cum Anchor न्यूज़ चैनल्स के ऐसे कंटेंट को गलियां देते थे / सभी संपादकों को कोसते थे , वो अब संपादक बनकर अपने चैनल पर भूत गाथा और परी लोक दिखा रहे हैं..चार महीने तक पाधे माँ को अपनी पत्रकारिता का मूलमंत्र बनाकर बगुले लड़ाते रहे ,जब उससे रेटिंग का मीटर घूमना बंद हो गया तो रहस्य रोमांच और भूतखेली में रेटिंग तलाश रहे हैं …
बहुत शोर सुनते थे पहलू में दिल का
जो चीरा तो कतरा ए खून न निकलाबहुत शोर सुनते थे पहलू में दिल का
जो चीरा तो कतरा ए खून न निकला
‘ वो ‘ जब रिपोर्टर थे तब ‘प्रेत पत्रकारिता’ के लिए संपादकों को गालियां देते थे और जब खुद संपादक बने तो रसातल में जाने के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं… जय हो
(स्रोत-एफबी)