नदीम एस.अख्तर
एबीपी न्यूज पर -प्रधानमंत्री- नाम का एक बेहद लोकप्रिय प्रोग्राम आता है. मैं शुरु से ही इस कार्यक्रम के दर्शकों में से एक रहा हूं और अभी हाल ही में बीजेपी के भीष्मपितामह लालकृष्ण आडवाणी ने भी इस कार्यक्रम की जमकर तारीफ की थी. दरअसल यह कार्यक्रम मुझे इसलिए भी प्रिय है कि इसमें प्रधानमंत्री और उसके इर्द-गिर्द बुना वह दांव-पेंच बहुत सलीके से बताया जाता है, जो शायद इतिहास की किताबों में हमें ना मिले. आज की युवा पीढ़ी के लिए यह कार्यक्रम देश के सत्ता-सिंहासन और उसके चलने-चलाने को जानने का नायाब मौका है टीवी पर.
लेकिन अभी-अभी चौंक गया, जब एबीपी न्यूज पर एक एंकर बता रही थी —आज एबीपी न्यूज पर प्रधानमंत्री कार्यक्रम जरूर देखिएगा, जिसमें अयोध्या के विवादित ढांचे की कहानी बताई गई है.
तो सुना आपने. अयोध्या की बाबरी मस्जिद को एबीपी न्यूज वाले -विवादित ढांचा- मानते हैं, वह इसे मस्जिद नहीं मानते. ये देश जानता है, दुनिया जानती है कि जिस इमारत को गिरा दिया गया, वह एक मस्जिद थी. पता नहीं, एबीपी न्यूज के सर्वेसर्वा शाजी जमा साहब ये सब देख रहे हैं या नहीं !!! बाबरी मस्जिद को -विवादित ढांचा- तो संघ परिवार और बीजेपी बताती रही है. तो क्या यह माना जाए कि एबीपी न्यूज, संघ परिवार और बीजेपी की लाइन ले रहा है????!!!
अभी हाल ही में शाजी जमा साहब से मुलाकात हुई थी. बहुत ही सज्जन, विनम्र और गंभीर व्यक्ति हैं. हिन्दी टीवी न्यूज इंडस्ट्री को उन्होंने बहुत कुछ दिया है. मैं शुरू से उनका फैन रहा हूं. सो अभी एबीपी न्यूज पर बाबरी मस्जिद को जिस तरह से -विवादित ढांचा- बताया गया, उससे कोई भी चौंक जाएगा. अब देखना ये है कि -प्रधानमंत्री- कार्यक्रम में भी इसे विवादित ढांचा बताते हैं या फिर बाबरी मस्जिद. हो सकता है कि एंकर या प्रोड्यूसर ने अपनी तरफ से -विवादित ढांचा- शब्द का इस्तेमाल किया हो और -प्रधानमंत्री- कार्यक्रम में इसे बाबरी मस्जिद ही कहा गया हो. सच्चाई क्या है, ये तो रात को प्रोग्राम देखने के बाद ही पता चलेगा.
मुझे याद है जब मैं दिल्ली नवभारत टाइम्स में था तो बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा लिखे जाने पर सख्त ऐतराज जताया था. बात आई-गई हो गई. लेकिन बाद में एक सीनियर ने न्यूज रूम में कहा कि इसे –बाबरी मस्जिद- ही लिखा जाए और तब से वहां ‘बाबरी मस्जिद’ ही लिखा जाता रहा. अब पता नहीं, वहां इसे क्या लिखा जाता है. खैर, तो आज रात एबीपी न्यूज पर अयोध्या के -विवादित ढांचे- मेरा मतलब है कि बाबरी मस्जिद के गिराए जाने की पूरी कहानी आप भी देखिए. (स्रोत – एफबी)
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