प्रेस विज्ञप्ति
मन करता है गोवा के राज्यपाल का पद छोड़ मुजफ्फरपुर की सेवा में लग जाऊं…मृदुला सिन्हा
आज बिहार को लेकर चिंता और चिंतन की आवश्यकता है. हालाँकि बिहार के युवाओं में वहां की शिक्षा को लेकर जो चिंता देख रही हूँ, वह उत्साह बढ़ाने वाला है. हम सब को बिहार के लिए कुछ करना है. बिहार के हॉवर्ड माने जाने वाले प्रतिष्ठित लंगट सिंह महाविद्यालय के संस्थापक बाबू लंगट सिह के स्मृति में बिहार की वर्तमान शैक्षणिक व्यवस्था की संभावनाएं और चुनौतियां विषय पर रविवार 1 मई को दिल्ली के कंसटीटयूशनल क्लब में आयोजित कार्यक्रम में यह बात गोवा की राज्यपाल और मुजफ्फरपुर की बेटी मृदुला सिन्हा ने कहा।
मृदुला सिन्हा ने कहा कार्यक्रम का निमंत्रण मिलने पर मैं विशेषतौर पर गोवा से चलकर आयी हूँ। 1977से दिल्ली में मेरा रहना रहा है लेकिन हर तीन माह बाद मुजफ्फरपुर जाती हूँ। आज भी राज्यपाल होने के बावजूद एक बुलाहट पर घर मुहे बैल की तरह गोवा से मुजफ्फरपुर चली जाती हूँ। जब बिहार बहुत बदनाम था तब भी मैं कहती थी कि ये मेरा बिहार है। ये अच्छी बात है कि लोग अब समाधान की बात कर रहे हैं लेकिन बदलाव व्यक्तिगत प्रयासों से ही संभव है.समाज के निर्माण में सरकार की भूमिका दाल में नमक की तरह है। हर काम सरकार नहीं कर सकती। सब कुछ सरकार पर नहीं रखा जा सकता। कई बार मन करता है कि गोवा के राज्यपाल का पद छोड़ बिहार के युवाओं के साथ शिक्षा के आन्दोलन में लग जाऊं.
बिहार के पूर्व डीजीपी और सुपर 30 से प्रसिद्ध अभयानंद ने कहा कि बिहार में शिक्षा में सुधार के लिए एक आंदोलन की जरूरत है। हम सब को उसके लिए आगे आना होगा। शिक्षा में लंगट बाबू के योगदान को याद करते हुए सभी वक्ताओं को राज्य की शिक्षा में सुधार के लिए प्रण लेना होगा. इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर संगीत रागी ने कहा कि आज दिल्ली या दूसरी जगहों पर शिक्षा की बदौलत जिन लोगों ने सफलता पाई है उनका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लंगट सिंह कॉलेज से सम्बन्ध रहा है लेकिन आज लंगट सिंह कॉलेज की स्थिति जर्जर है और खोयी प्रतिष्ठा को प्राप्त करने के लिए एक बड़े आंदोलन की जरुरत है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता लंगट बाबू स्मृति समारोह के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार व मंच का संचालन अमरेश शुक्ला और धन्यवाद ज्ञापन पुष्कर पुष्प ने किया। कार्यक्रम में सभी अतिथियो का स्वागत लंगट बाबू के स्मृति चिन्ह से किया गया ! इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल सिन्हा भी उपस्थित थे. गौरतलब है कि रामकृपाल सिन्हा और मृदला सिन्हा दोनो लंगट सिंह कालेज से छात्र रह चुके हैं. इसके अलावा इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर चंद्रकांत प्रसाद सिंह, राज्य सभा में उप निदेशक सौरव शेखर, लोक सभा चैनल के कार्यकारी निदेशक सुमित सिंह, वरिष्ठ पत्रकार मनीष ठाकुर,फजल इमाम,समाजसेवक मौलाना मुस्तफा कासमी, और प्रोफ़ेसर तारण राय भी लंगट बाबू स्मृति समारोह में मौजूद थे. इस मौके पर उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी की गई. कार्यक्रम में लंगट बाबू के परिवार से उनके प्रपोत्र कुणाल सिन्हा और अन्य परिजन भी मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रियेश राय, अंकेश रंजन, अजित कुमार, अनिश कंठ ,अमित किशोर, अलोक राय, कन्हैया चन्द्र मधुकर, संदीप सिंह, संदीप कुमार, गौरव कुमार, आतिश कुमार सहित बड़ी संख्या में दिल्ली में रहने वाले बिहारनिवासी शामिल हुए.