ज़ी न्यूज़ को अलविदा कह एबीपी न्यूज़ के रथ पर सवार हुए एंकर अभिसार शर्मा
एंकर अभिसार शर्मा अब एबीपी न्यूज़ पर कहते नज़र आयेंगे कि, ‘आप देख रहे हैं एबीपी न्यूज और मैं अभिसार शर्मा.’ दरअसल अभिसार ने ज़ी न्यूज़ को अलविदा कह दिया है और अब वे अपनी नयी पारी एबीपी न्यूज़ के साथ शुरू करेंगे.
इस बात का एलान उन्होंने खुद ही सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट फेसबुक पर किया. उन्होंने लिखा – “आप देख रहे हैं एबीपी न्यूज और मैं अभिसार शर्मा”
अभिसार ने ज़ी न्यूज़ कुछ महीने पहले ही ज्वाइन किया था. आजतक में अनबन की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. आजतक में अपने अंतिम मेल में उन्होंने लिखा :
From: Abhisar Sharma
Sent: 31 December 2012 13:53
To: Assignment; National Bureau; Mumbai-Bureau; Mumbai-Metro; Outstation Editorial; Tez Producers; Producers Output; HEADLINES TODAY
Subject: Bus Itna hee….
“IS BULLETIN ME BUS ITNA HEE…
… ABHISAR SHARMA KO IJAAZAT DIJIYE…..NAMASKAR…….
ABHISAR
आजतक में इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने ज़ी न्यूज़ ज्वाइन कर लिया था जहाँ पुण्य प्रसून के जाने बाद एक जगह खाली थी. मजेदार ये रहा कि अभिसार ज़ी न्यूज़ आए तो पुण्य प्रसून आजतक. यानी दोनों चैनलों ने एंकरों की अदला – बदली कर ली.
अभिसार शर्मा ने ज़ी न्यूज़ तब ज्वाइन किया था जब उसकी साख पर बट्टा लग चुका था और संपादक सुधीर चौधरी ब्लैकमेलिंग के आरोप में जेल यात्रा कर आए थे. एबीपी न्यूज से हाल फिलहाल में एंकर सिद्धार्थ शर्मा छोड़कर चले गए थे. उसके पहले दीपक चौरसिया. इसलिए वहां अभिसार जैसे किसी परिचित चेहरे की तलाश थी.
अभिसार ने ज़ी न्यूज़ और आजतक के अलावा बीबीसी के साथ भी काम किया है. एंकरिंग के दौरान ऊन्होने लाल मस्जिद का सफेद सच ( पाकिस्तान के कुख्यात लाल मस्जिद के अंदर पहली यात्रा), वॉर गेम x ( टीवी जगत का पहला कार्यक्रम, जो भारत-पाकिस्तान के बीच जंग का नाट्य रूपांतरण था), आतंक का लाइव वीडियो ( तालिबान का वीडियो, जिसमें पहली बार किसी आतंकवादी गतिविधि को पूरा दिखाया गया) जैसे कई जानदार कार्यक्रम किए. उन्हें रामनाथ गोएंका अवार्ड भी मिल चुका है.उसके अलावा अभिसार ने बैतुल्लाह मैहसूद (The eye of the predator.A novel about The death of Baitullah Mehsud.) पर “द आई ऑफ़ द प्रिडेटर” किताब भी लिखी है. नयी पारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं.
अभिसार और दीपक चौरसिया जैसे लफ्फाज़ी करने वाले तथा-कथित पत्रकार भाई लोगों ने तो मीडिया की दुर्गति कर डाली है ! “खुदा मेहरबान तो …….पहलवान ” जैसे कहावत इन जैसे पत्रकारों के लिए ही बनी हुई लगती है !