सस्ती लोकप्रियता से परहेज रखनेवाले आज अखबार ने बिहार में मनाया 35वां वर्षगांठ

विकास कुमार

अपने प्रकाशन के 94वें वर्ष में प्रवेश कर चल रहे हिन्दी दैनिक समाचार-पत्रों में एक विशिष्ट स्थान रखनेवाले ‘आज’ ने बिहार में प्रकाशन का 35वां वर्षगांठ मनाया। 28 दिसम्बर को स्थापना दिवस के अंक के कवर पेज पर प्रबंधन की भावनाओं को पढ़कर बहुत खुशी और गर्व का अनुभव हुआ। ‘आज’ के प्रति पाठकों और विज्ञापनदाताओं के विश्वास को देखकर लगा कि आंकड़ेबाजी और व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा में बिहार में ‘आज’ भले ही पीछे हो लेकिन विश्वसनीयता के मामले में वो आज भी बड़े और नामचीन अखबारों पर भारी पड़ रहा है। विज्ञापन के लिये बिना हायतौबा मचाये ‘आज’ आज भी किसी से कम नहीं है।

यहां बता दें कि प्रबंधन द्वारा स्थापना दिवस जैसे अवसर पर भी अपने किसी रिर्पोटर से विज्ञापन और बिजनेस की मांग नहीं की जाती है लेकिन अखबार की विश्वसनीयता की बदौलत हर वर्ष 28 दिसम्बर से लेकर पूरे जनवरी माह भर अखबार शुभकामना विज्ञापनों से लबालब रहता है।

दूसरे अखबारों को इतना करने के लिये जहां नाको चने चबाने पड़ते हैं वहीं आज अपने गौरवशाली परम्परा को बरकरार रखते हुए बिहार में प्रकाशन का 35वां वर्षगांठ मना रहा है। पटना संस्करण के 35वें वर्षगांठ पर मुख्य पृष्ट पर प्रकाशित संपादकीय ने दिल को छू लिया। पढ़कर महसूस हुआ कि वास्तव में ‘आज’ ने कभी भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास नहीं किया और पाठकों को अपनी पूंजी समझा।

पटना संस्करण के 35वें स्थापना दिवस पर प्रकाशित विशेष संपादकीय:

Aaj_Patna_ke_35_Years

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