कृष्णकांत
पप्पू यादव की किताब का विमोचन
हिंदी के प्रकांड पुरुष नामवर सिंह, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, मुलायम सिंह यादव, राम विलास पासवान, निर्देशक मुजफ्फर अली और अनूप जलोटा ने मिलकर राकेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को संघर्षशील, पिछड़ों के मसीहा, जनवादी, समाजवादी और साहसी लेखक घोषित किया है. महान संपादक ओम थानवी ने प्रमाणपत्र वितरण कर अति महान होने का यह अवसर शायद गवां दिया. उनका नाम पोस्टर में तो सुनहरे अक्षरों में बतौर वक्ता दर्ज है, लेकिन शायद वे गए नहीं. धरती पर अवतरित हुए इस सरस्वती पुत्र, कलम के पहले और अंतिम सिपाही पर हम न्यौछावर होना चाहते हैं, जिस पर कुछ ‘असामाजिक’ तत्वों ने वामपंथी नेता अजीत सरकार की हत्या का आरोप लगाया था. अजीत सरकार खुद ही मर—खप गए होंगे. अजीत को किसी ने नहीं मारा. लोकार्पण के इस ऐतिहासिक मौके पर अवतारी पुरुष पप्पू यादव ने कहा कि नानक हो या बुद्ध जिसने भी व्यवस्था परिवर्तन करने की कोशिश की उसे दमन का शिकार होना पड़ा. अत: हे देशवासियों! नानक और बुद्ध सरीखे इस महापुरुष के महान ग्रंथ का सुबह—शाम नियम से पाठ करें. उन्हें पूजें और उनकी समाजवादी, जनवादी, लोकतांत्रिक क्रांतिकारिता पर बलि—बलि जाएं.
(स्रोत-एफबी)