डॉ.मुसाफिर बैठा
लो! मात्र जुम्मा जुम्मा आठ दिन आये हुए हुए हैं इस अच्छे दिन के, पर भोगो प्रेस सेंसरशिप :
बड़ी खबर है कि दिल्ली से बिहार के लिए खुलने वाली ट्रेनों में चल रही बेतहाशा भीड़ की खबर को कवर करने गये न्यूज चैनलों के रिपोर्टरों को रेलवे प्लेटफौर्म पर जाने से रोका गया है। यानी यह एक तरह से प्रेस की स्वतंत्रता एवं अधिकार पर पहरा लगाना है।
परदेस कमाने गये लोग अपने घर, बिहार आकर छठ मनाते हैं। अभी दिल्ली से पटना को आने वाली ट्रेनों में जबर्दस्त भीड़ चल रही है। इस मौके को सँभालने की गरज से स्पेशल ट्रेनें चलाने के बावजूद रेलवे व्यवस्था चरमरा गयी है।
आरक्षित बौगी में भी लोग भेड़ बकरियों की तरह ठुंस कर आ रहे हैं। आरक्षित टिकट रहते भी जहाँ तहां यहाँ तक कि toilet में भी खड़े होकर लोग सफ़र करने को मजबूर हैं। कुछ टिकट कटाए लोग ट्रेन के अन्दर घुस तक नहीं पा रहे।
धर्म की सरकार होने के बाद भी धर्मांध यात्री परेशान हैं! सरकार का रेल प्रशासन तो फेल हो ही रहा है, आस्तिकों को अपने विकट हालात में छोड़ उनके 33 करोड़ सर्वशक्तिमान देवी देवता भी ‘फेक’ साबित हो रहे हैं! उनके किसी काम के साबित नहीं हो रहे! छट्ठी मैया को तो कम से कम इस घड़ी में भक्तों की मदद को आना चाहिए!
स्रोत@एफबी