एक महत्वपूर्ण निर्णय में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि भारत सरकार को इलेक्ट्रोनिक मीडिया के नियंत्रण के लिए एक विधिक नियामक बनाना चाहिए जहां लोग जा कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हों. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा याचिका में जस्टिस देवी प्रसाद सिंह और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने कहा कि प्रिंटिंग मीडिया की गड़बड़ियों पर नियंत्रण के लिए भारत का प्रेस परिषद है पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए ऐसा कोई फोरम नहीं दीखता है जो नियमों से संचालित भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में उचित नहीं जान पड़ता, अतः सरकार को इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए कोई विधिक नियामक संस्था बनानी चाहिए. आदेश के अनुसार इलेक्ट्रोनिक मीडिया का लोगों के मस्तिष्क पर तत्काल प्रभाव पड़ता है और अब यह बात सर्व-स्वीकार्य हो गयी है कई बार पेड न्यूज़ के जरिये ताकत का दुरुपयोग भी होता है. अतः इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी नियंत्रिक होनी चाहिए और भारत सरकार को इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा प्रसारित समाचारों और अन्य प्रोग्राम के सम्बन्ध में आम जनता को शिकायत हेतु एक विधिक नियामक बनाना चाहिए. अतः कोर्ट ने भारत सरकार को चार सप्ताह में शपथपत्र के जरिये प्रेस परिषद की तरह इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए कोई नियामक बनाने के सम्बन्ध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं. डॉ नूतन ठाकुर लखनऊ
1 COMMENT
LEAVE A REPLY Cancel reply
This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.
नयी ख़बरें
Rahul Kanwal बने NDTV के नए CEO और Editor-in-Chief
रिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने NDTV के CEO और Editor-in-Chief का कार्यभार संभाल लिया है। इस बदलाव के साथ NDTV में एक नई दिशा...
Yes there should be some more rule s& punishment for electronic media
This is all paid media ……… & fake media