दीपक दुआ,फिल्म समीक्षक
जाओ फराह खान, तुम्हें माफ़ किया ‘तीस मार खां’ बनाने के लिए… ‘हैप्पी न्यू इयर’ बना कर तुम ने उस पाप से मुक्ति पा ही ली… तुमने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपने यहां मसाला फिल्मों की परंपरा में मनमोहन देसाई की असल वारिस तुम ही हो… तुम्हारी फ़िल्में (तीस मार खां के अलावा) मनोरंजन देती हैं, सुकून देती हैं, दिमाग को भले ही खटकें, दिलों को अच्छी लगती हैं… और बड़ी बात यह कि जेबों पर डाके नहीं डालतीं, पैसे वसूल कराती हैं…
तो दोस्तों, खालिस बॉलीवुड स्टाइल का एंटरटेनमेंट चाहिए तो ‘हैप्पी न्यू इयर’ को दोस्तों के साथ, परिवार के साथ एन्जॉय कीजिए… रिव्यू सुनना चाहें तो एफ. एम. रेनबो पर शनिवार 25 अक्टूबर को सुबह 11.30 से 11.55 के बीच मिलते हैं…
स्रोत@एफबी