दीपक शर्मा
नई पीढ़ी के टीवी पत्रकार सिर्फ कैमरे के आगे खड़ा होना चाहते हैं. उन्हें रिपोर्टर नही एंकर बनना है.वो रातों रात अर्नब गोस्वामी बनना चाहते हैं.
युवा मित्रों, कैमरे के आगे अपना चेहरा नही खबर रखिये. देश खबर देखना चाहता है आपका चेहरा नही. पहले खबर लेकर आयें …कैमरा खुद आपके आगे आ जायेगा..मेरा एंकरों से भी अनुरोध है की मेक अप रूम से बाहर निकल कर वो 40 डिग्री के तापमान में देश की सड़कों पर भी निकलें और जनहित की ख़बरें ढूँढें.मंत्रियों और ब्यूरोक्रैट की अलमारियों में दबी उन फाईलों को खोज निकाले जहाँ ईमान बेचने के सबूत छिपे हैं. उन घपलों को खोले जो देश की आँख खोल दे.सिर्फ खबर पढकर अपना ज्ञान बांटना पत्रकारिता नही है. एंकर कोशिश करें तो वो अपनी शोहरत के बिना पर खुद अपना सौर्स नेटवर्क खड़ा कर सकते हैं.
मेरी गुजारिश टीवी प्रोडूसर और संपादकों से भी है की वो एंकरों को ही महिमामंडित न करें बल्कि उन रिपोर्टरों की हौसला अफजाही भी करें जो बड़ी ख़बरें,घोटाले जनता के लिए ब्रेक करते हैं. अगर हम बदलते वक़्त को नही पहचाने तो सोशल मीडिया जल्द ही .टीवी पत्रकारिता को रौंदकर आगे निकल जायेगा.
(दीपक शर्मा के एफबी वाल से )