सोशल मीडिया अपनी बात रखने का एक प्रभावी औजार है. राजनेताओं के बाद धार्मिक संगठनों को भी ये बात समझ में आने लगी है.तभी वे भी अब सोशल मीडिया पर सक्रिय दिखाई देने लगे हैं. इसी कड़ी में नया नाम आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का भी जुड़ने वाला है. दरअसल देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिये आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सोशल मीडिया का सहारा लेने की योजना बना रही है। बोर्ड कार्यकारिणी की आगामी 15 अप्रैल को शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में इस सिलसिले में कार्ययोजना तैयार की जाएगी। साथ ही तीन तलाक और अयोध्या विवाद के बातचीत से हल समेत कई अहम मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एजेंसी को बताया कि बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक आगामी 15 और 16 अप्रैल को लखनउ स्थित नदवा में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए सोशल मीडिया के जरिये आम लोगों से जुड़ेगा और शरई कानूनों को वास्तविक रूप में सामने रखेगा। बोर्ड की बैठक में इसकी कार्ययोजना तय की जाएगी।
मौलाना रशीद ने बताया कि बैठक के एजेंडा में मुख्य रूप से तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय में जारी मामले की पैरवी और बाबरी मस्जिद विवाद को बातचीत के जरिये सुलक्षाने की उच्चतम न्यायालय की पेशकश पर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही बोर्ड की महिला शाखाओं को और मजबूत करने के रास्तों पर भी चर्चा होगी। मालूम हो कि तीन तलाक को लेकर उच्चतम न्यायालय में लम्बित मुकदमे में ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक पक्षकार है।