समस्तीपुर से शालीन की रिपोर्ट
त्योहारों का मौसम किसी भी मीडिया हाउस के लिए कमाई का सीजन माना जाता है इसलिये दीपावली से लेकर छठ तक लगभग प्रत्येक अखबार में मार्केटिंग एवं रिर्पोटिंग से जुड़े लोग ‘टार्गेट’ से लबालब रहते हैं। समस्तीपुर जिला बिहार की मीडिया मंडी में एक प्रमुख स्थान रखता है। जिले का रोसड़ा अनुमंडल मुख्यालय जो स्वर्णाभूषणों का एक प्रमुख मंडी है। अन्य जगहों की भांति रोसड़ा में भी इस बार दीपावली विज्ञापन की खूब मार्केटिंग हुई। यहां कड़ी प्रतिस्पर्धा में बिहार के नंबर वन दैनिक समाचार-पत्र ‘हिन्दुस्तान’ को इस दीपावली के अवसर पर मात्र 7 हजार के विज्ञापन से संतोष करना पड़ा जबकि दैनिक जागरण ने 60 हजार एवं प्रभात खबर ने 30 हजार का बिजनेस किया। जबकि रोसड़ा में हिन्दुस्तान ने तीन-तीन रिर्पोटर रखे हैं और अखबार के बिजनेस पेज पर रोसड़ा सर्राफा मंडी की दर तालिका नियमित रूप से छपती रहती है जिसके बल पर हिन्दुस्तान कई दशक से यहां नंबर वन के पोजीशन पर शान से काबिज है।
रोसड़ा में हिन्दुस्तान भले सर्कुलेशन में सबसे आगे है लेकिन तीन-तीन रिर्पोटर रहने के बाद भी उसे स्थानीय स्तर पर अन्य अखबारों से मात खानी पड़ रही है। नंबर वन अखबार के रिर्पोटर तीसरे स्थान वाले अखबार के रिर्पोटर की दासता करते नजर आते हैं। वहीं व्यक्त्तिगत कारणों से अन्य रिर्पोटर व्यवसायी राजनीति से जुड़े लोगों का विश्वास हासिल नहीं कर पा रहे हैं जिससे कि विज्ञापन के मामले में हिन्दुस्तान विज्ञापन के सीजन में हर बार अन्य अखबारों से मात खा जा रहा है।
खबर मिली है कि इन सारी बातों की जानकारी मार्केटिंग विभाग एवं संपादकीय टीम को है लेकिन भाई-भतीजावाद एवं जातीयता का बीजारोपण एचएमवीएल के एक बहुत बड़े अधिकारी द्वारा किया गया है इसलिये मुजफ्फरपुर स्तर से ‘लाचारी’ दिखाई जा रही है। हिन्दुस्तान चाहे इस समाचार को चाहे जिस रूप में ले लेकिन यहां उसके हित में बता देना आवश्यक होगा कि रोसड़ा में हिन्दुस्तान को अपनी साख को मजबूत बनाने हेतु कुछ कठोर फैसले लेने होंगे और भाई-भतीजावाद की मानसिकता से उबरना होगा। क्योंकि जागरण एवं प्रभात खबर यहां मात्र 1 रिर्पोटर को रखकर खबर और विज्ञापन के मामले में छक्का-चौका लगा रहे हैं और हिन्दुस्तान तमाशाबीन बना बैठा है।