आलोक जोशी
न्यूज़ चैनलों और मीडिया की हालत पर दिन रात स्यापा करनेवालों को दिन में एक घंटा अंग्रेज़ी के उन चैनलों का हिंदी आडियो ज़रूर सुनना चाहिए जो बच्चों के चैनल हैं। इनमें कार्टून ही नहीं वे प्रतिष्ठित इन्फोटेनमेंट चैनल भी शामिल हैं जो इतिहास, भूगोल, वन्य जीवन और सामान्य ज्ञान के विषयों पर बहुत अच्छे कंटेंट के झंडे गाड़े हुए हैं।
प्रमोद जोशी
हाँ, मैने हिस्ट्री, डिसकवरी और डिसकवरी साइंस जैसे कुछ चैनलों के हिंदी ऑडियो को सुना है। उनके अनुवादों में परायापन और कई बार गलतियाँ लगती हैं। मुझे लगता है हिंदी को लेकर कहीं भी गम्भीरता नहीं है। मनोरंजन, समाचार और शिक्षाप्रद चैनलों में भी। हिंदी की चिंता से अभिप्राय कंटेट को लेकर चिंता से है। जब आप हिंदी में कोई सामग्री परोसते हैं तब उसके ग्राहक के बारे में भी सोचा जाना चाहिए। मुझे नहीं मालूम कि इन चैनलों के दर्शक-श्रोता शोध केंद्र होते हैं या नहीं।
संदीप वर्मा
अनुवादित चैनेल और देशी चैनेल के बीच ऐसी तुलना में की दम नहीं है . अनुवादित चैनेल अपनी टूटी फूटी भाषा में भी अपना महत्व रखते है ,जबकि न्यूज़ चैनेल देशी लोगो द्वारा देशी जनता के लिए बनाये जा रहे है . उनकी कमियां अनदेखी कैसे हो सकती है .