यादों के झरोखे से :
कुरुक्षेत्र 1994 .. जनसत्ता के संस्थापक-संपादक और जुझारू पत्रकार स्मृतिशेष प्रभाष जोशीजी के साथ कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर घाट पर। सूर्यग्रहण था। गमछा संभाले प्रभाषजी डुबकी लगाने की तैयारी में थे और मैं कागजी चश्मे के साथ सूर्यग्रहण का नजारा देखने की। (जनसत्ता के संपादक ओम थानवी के एफबी वॉल से)