आओ चैनल चलाऐं।
जी हां, अगर आप मीडिया के निशाने पर हैं तो घबराने की बात नहीं। जरूर आप कोई करोड़पति या अरब पति होंगे। ऐसे में तो और भी घबराने की जरूरत नहीं रहती। आप अपनी पूंजी का प्रयोग करके क्यों नहीं एक मीडिया घराने के मालिक ही बन जाऐं। उस जमात का हिस्सा होकर चाहे आप अपनी मन चाही खबरें बाकी चैनलों व समाचार पत्रों में न दिखा सकें, लेकिन अपने चैनल अथवा समाचार पत्र में तो खुद को चमका ही सकते हैं।
हरियाणा के नेताओं को यह बात बखूबी समझ आ चुकी है। जब एक तत्कालीन माननीय मंत्री जी के बेटे को एक लडक़ी की हत्या के मामले में मीडिया ने उनकी किरकिरी की तो उन महानुभाव ने अपने सिपहसलारों की सलाह से तुरंत एक मीडिया घराना खड़ा कर दिया। मजेदार बात तो यह रही कि कभी उनकी खेखड़ी खराब करने वाले सम्मानीय पत्रकार बंधु आज उनके चैनल में ही अपने विशेष अंदाज में औरों की बखियां उधेड़ते नजर आ रहे हैं। उनके बाद पहली बार माननीयों की श्रेणी में सरीक हुए एक राज्य मंंत्री ने भी एक चैनल को खरीद लिया। मजेदार बात तो यह रही कि यह महानुभाव जब खुद पर चल रहे एक मामले में अदालत में सर्मपण करने गए तो चैनल की गाड़ी में शान से बैठ कर गए।
फिर नम्बर आया एक ताजा पैदा हुई राजनैतिक पार्टी का तो उन्होंने भी एक प्रादेशिक स्तर के चैनल में हिस्सेदारी कर ली। इसी दौर में उत्तर हरियाणा में पूर्वोत्तर के एक राज्य की नामी पार्टी का झंडा बुलंद करने वाले एक माननीय ने हरियाणा को एक साथी के साथ मिलकर नया चैनल दे डाला।
अब ताजा उदाहरण हैं माननीय सांसद जिन्होंने राष्ट्रीय चैनलों पर उछलते अपने विरोधी गुबार को लेकर मीडिया घराने का रूख किया है। माना जा रहा है कि एक ताजा चर्चा में आया हरियाणा का चैनल उनके किसी नजदीकि के नाम पर उनके लिये हवा में आ चुका है।
अखबारों की तो बात ही क्या है।
मित्रो, अब तो सार यह है कि आप किसी भी खबर पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं कर सकते। हो सकता है कि चैनल के लिये काम करने वाले वेतन भोगी कर्मचारियों ने किस आका को खुश करने के लिये यह समाचार दिखाया हो। हो सकता है कि वास्तविकता से उस समाचार का कोई सरोकार न हो। इन बातों पर ध्यान रखें तो हो सकता है आप भ्रामक जानकारी से बच सकें।
(Pawan Sonti Poonia के फेसबुक प्रोफाइल से)