अभिषेक श्रीवास्तव
सांप्रदायिक-फासीवादी ताकतों ने पासवान को खींच लिया, राजद को तोड़ दिया, तीस्ता को फंसा दिया, मैनेजर पांडे के कार्यक्रम में विघ्न डाल दिया, उदित राज को अपने में मिला लिया, तरुण तेजपाल को फंसवा दिया, क्योंकि… पासवान, लालू, तीस्ता, पांडे, उदित राज, तेजपाल- सब सेकुलर हैं। हमारे समय का यह सबसे सस्ता चुटकुला है।
मुझे लगातार लगता रहा है कि सांप्रदायिक-फासीवादी ताकतों से कहीं ज्यादा इनका हौवा खड़ा कर के अपने चेहरे पर सेकुलरवाद का गमछा डाले रखने वालों से इस देश की जनता को ज्यादा खतरा है। इस संदर्भ में बिल्कुल सही मौके पर और सटीक विषय पर अर्णब गोस्वामी ने आज #Newshour में बहस करवायी: Secular Card=Time Warp
अर्णब की जितनी सीमा है, उसी में उन्होंने बहस करवायी। काश, हिंदी में सेकुलर-कम्यूनल कम्बाइन पर कभी बात-बहस हो पाती।
(स्रोत-एफबी)