संजय तिवारी
अभी आस्था चैनल देख रहा था. गुजरात के खेड़ाब्रह्म में बाबा ब्रह्म पर प्रवचन दे रहे थे. मुझे यकीन न हुआ कि इनका क्या लेना इन बातों से. बाबा का कोई कायाकल्प हो गया क्या?
लेकिन ब्रह्म चर्चा के दो मिनट बाद ही बाबा ब्रह्म को भूल अचानक मोदी को प्रधानमंत्री बनाने लगे. वोट का गणित समझाने लगे. मोहमाया से मुक्ति का दावा करके काले धन पर लार टपकाने लगे. मोदी को शेर और राहुल को जर्सी गाय का बेकार बछड़ा बताने लगे.
तब जाकर जान में जान आई. गफलत पालने की जरूरत नहीं है. वे बाबा रामदेव ही हैं. घबराने की भी जरूरत नहीं है, उनका कोई कायाकल्प नहीं हुआ है.
(स्रोत-एफबी)