जी टीवी का शो ‘कनेक्टेडः हम तुम’

connected-hum-tumजी टीवी का नया शो “कनेक्टेडः हम तुम” के बहाने पुरुषों की नजर में महिलाओं की बनी स्टिरियोटाइप इमेज से अलग नए सिरे से समझने की कोशिश है. इस कोशिश को शो के होस्ट अभिनेता अभय देओल महिलाओं पर पीएच.डी. बताते हैं. लेकिन गंभीरता से देखें तो ये पीएच.डी. के मतलब को रिड्यूस करना भर है. एक तो इसलिए कि महज छह कामकाजी महिलाओं की जिंदगी के करीब से गुजरने के बाद आप महिलाओं को लेकर वो समझ कायम नहीं कर सकते जिसे कि पीएच.डी. कहा जाए और दूसरा कि आरजे,डेनटिस्ट, ब्रांड मैनेजर जैसे पेशे से ये मध्य/उच्च मध्यवर्ग से आनेवाली छह महिलाओं के अलावे कई ऐसे वर्ग हैं जहां उनकी स्थिति,मानसिकता और जिंदगी जीने की शर्तें अलग है. हां अगर पीएच.डी. शब्द को हटा दें तो ये जरुर कहा जा सकता है कि ये अपने तरीके का पहला शो है जिसमे छह महिलाओं की जिंदगी की कच्ची फुटेज हम दर्शक देख पाते हैं.

एक हाथ से कैमरा और दूसरे हाथ से जिंदगी संभालने जैसे जुमले के साथ जो फुटेज हमें शो में दिखाए जा रहे हैं वो इन प्रतिभागिओं द्वारा ही शूट किए गए हैं. जाहिर है इसमें अपने तरीके के चुनाव और दिमागी स्तर पर एडिटिंग होगी और हमें उनके बीच से उन्हें समझना है. हमारी समझ बनती है कि फैमिली,करिअर और संबंधों से इतर भी एक दुनिया है जिसमे शो बारीकी से क्या, प्रतिभागियों की वहां इन्ट्री तक नहीं होती. गौर करें तो केबीसी,डांस इंडिया डांस या इंडियन आय़डल जैसे दूसरे ऐसे कई शो में प्रतिभागी की प्रोफाइल और परिवेश को बताने के लिए परफार्म करने से पहले छोटी सी क्लिप दिखाई जाती है, यहां उनकी क्लिप्गिंस ही परफार्मेंस है. इसके साथ ही कार्पेट एरिया में महिलाएं कैसी होतीं हैं, कैसा व्यवहार करती है, इसका ठीक-ठीक तो नहीं लेकिन मैनिपुलेटेड होने के बावजूद एक हद तक बिग बॉस से आइडिया मिलता रहा है. हां ये है कि इन दोनों की कॉकटेल को एक स्वतंत्र शो में बदलने की कोशिश की गई है.

प्रतिभागियों की पहले से कोई बड़ी पहचान न होने के बावजूद उनके व्यक्तित्व में खास आकर्षण है और उनकी जिंदगी भी बड़ी जिग-जैग सी है इसलिए शो के प्रति उत्सुकता बनी रहती है लेकिन जैसे-जैसे ये शो आगे बढ़ता है, ये जिज्ञासा बोरियत में बदल सकती है. ये भी हो सकता है कि तब हम दर्शक इन छह को लेकर टुकड़ों में बंट जाएं औऱ किसी एक-दो की जिंदगी झांकने की दिलचस्पी बनी रहे.

शो की सबसे खराब बात है कि बीच-बीच में जो स्लग लिखा आते हैं, उनमें जितनी गलतियां है, इससे पहले आपने किसी भी दूसरे शो में नहीं देखा होगा. एक लाइन में तीन से चार गलतियां. दिक्कत तो ये भी है कि जब आप अभय देओल को होस्ट करते देखेंगे तो मन में बार-बार सवाल आएगा- क्या ये वही अभिनेता है जिसके रुपहले पर्दे के हम कायल रहे हैं. आपका मन करेगा किसी तरह मैसेज उन तक भिजवाएं- आप तो कनेक्टेड हो रहे हो, पर आपसे हम नहीं. आप फिल्मों में ही ठीक हो, वैसे भी सबको सब काम नहीं करने चाहिए. (मूलतः तहलका में प्रकाशित)

स्टार- साढे तीन

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