शशि थरूर को कोसने और ट्रॉलिंग माल ठेलने से पहले इंडिया कॉन्क्लेव में स्वयं कन्हैया ने क्या कहा- उसे ध्यान से सुनने की जरूरत है. कन्हैया ने कहा कि यदि सरकार अंग्रेज बनना चाहती है तो हम भगत सिंह, भगत सिंह के सिपाही बनने को तैयार हैं.
असल में समय के साथ-साथ हम इतने सपाट होते चले जा रहे हैं कि किसी भी बात का सफारी सूट टाइप सा मतलब निकालने लग जाते हैं कि उपर का रंग ग्रे है तो नीचे फुपैंट भी उसी रंग की होगी. ऐसी बातों को तूल दिए जाने का सीधा मतलब है कि हम भाषा के स्तर पर बेहद दरिद्र होते जा रहे हैं और पूरी बात सुनने का धैर्य तो छोड़ ही दीजिए.
रही बात जी न्यूज की तो पूरी तरह बैकफुट पर आ जाने के बीच उसे किसी न किसी को तो राष्ट्रद्रोही साबित करना ही है. उसे तो मार्केटिंग के लोगों की तरह टार्गेट मिला है- हर सप्ताह कम से कम एक राष्ट्रद्रोही की तलाश करो.
#StandWithJnu
(स्रोत-एफबी)