डॉ.रंजन जैदी
अवसरवादी पत्रकार वेद प्रकाश वैदिक की हाफिज सईद से मुलाक़ात बीजेपी-सरकार की अनुमति के बगैर संभव नहीं है. वह बाबा रामदेव की दवाइयों के प्रोमोशन के लिए पाकिस्तान नहीं गए थे और न ही वह जुझारू पत्रकार रहे हैं जो टाइट सिक्योरिटी को चीरकर आतंकवादी सरगना तक पहुँच गए हों.
अभी बीजेपी शायद अंदर का भेद न खोले, लेकिन वह अछूती नहीं है. वैदिक पहले भी कांग्रेस के लिए अनेक ख़ुफ़िया काम कर चुके हैं. इस कार्य पर बवाल इसलिए हुआ कि हाफिज सईद के साथ का फ़ोटो उन्होंने अपना ५६ इंच का सीना दिखाने के चक्कर में प्रेस को सौंप दिया कि खूब वाहवाही होगी। पीएम खुश होंगे जिन्हे वह पहले ही अपना दोस्त बता चुके हैं, वह उन्हें सरकार से जोड़ लेंगे।
लेकिन उसी कांग्रेस ने उनकी प्लांनिग बिगाड़ दी जिसके लिए वह पहले काम किया करते थे. अब मामला कश्मीर से जुड़ गया है और देश की सुरक्षा से जुड़े कई सवाल उठ खड़े हुए हैं, इसलिये बीजेपी सतर्क हो गई है. अगली पाली पीएम के आने के बाद खेली जा सकती है. ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
(टिप्पणीकार वरिष्ठ पत्रकार हैं)