यूटीबी बिंदास का शो “बेग बॉरो स्टील, सीजन 10” रियलिटी शो की भीड़ से अलग शो है. ये जरुर है कि गौर करें तो प्रतिभागी को जो टास्क दिए जाते हैं, वो आपको एमटीवी रोडीज में भी थोड़ी-बहुत हेर-फेर के साथ मिल जाएंगे या फिर जिसने स्टूडेंट ऑफ द इयर फिल्म देखी हो, दो-चार टास्क वहां से भी याद आ जाएंगे. लेकिन शो की खास बात सिर्फ टास्क को लेकर नहीं है.
सबसे अलग बात तो ये कि इस शो के एपीसोड देखने के क्रम में अंग्रेजी-हिन्दी के उन मुहावरे को आप फिर से याद कर सकेंगे जिन्हें कि या तो हम-आप भूल चुके हैं या फिर इस्तेमाल में नहीं लाते. हर टास्क एक मुहावरे पर आधारित होता है. ऐसे में इसे आप मुहावरे के विजुअलाइजेशन का शो कह सकते हैं. दूसरी बात जो कि नाम से ही स्पष्ट है कि इसमे प्रतिभागी को चाहे कोई भी काम दिए जाएं, उसके लिए उन्हें अनजान लोंगे से या तो भीख मांगनी होती है, उधार लेना होता है या फिर चोरी करनी होती है.यानी एक ऐसी जिंदगी जिसमें अपना कुछ भी नहीं होता फिर भी जीने की शैली विकसित करनी होती है.
ये ठीक बात है कि ये सब फन और कॉन्टेस्ट भर के लिए है लेकिन ऐसा करते हुए प्रतिभागी हिन्दुस्तान के उन-उन इलाकों में चले जाते हैं और यूटीवी बिंदास पर बैल,गोबर,मटके, पगडंडी और धूल-धूसर वो ग्रामीण तक शामिल हो जाते हैं जिनकी मनोरंजन चैनल क्या न्यूज चैनलों में भी गुंजाईश घटती जा रही है..आपको शहरी कॉन्वेंटी युवा पर फोकस इस चैनल पर अनपढ़-मटमैले कपड़े में खटारा बसों में धक्के खाते लोगों के बीच अंजिरा वॉट जैसी अंग्रेजीदां लड़की को देखना हैरान कर सकता है लेकिन एक ही देश की दो अलग-अलग संस्कृति के बीच उन बिन्दुओं से गुजरने हुए ग्लैमर और हाशिए के समाज को लेकर दो दुनिया की पहचान भी मिलेगी. संभव है आपको एमटी के शो साउंड ट्रिपन के लिए भटकती स्नेहा खनवलकर का ध्यान आ जाए. यहीं पर आकर प्रतिभागी को दिए टास्क से कहीं ज्यादा परिवेश और टेलीविजन से बेदखल कर दिए हिन्दुस्तान के हिस्से के टेस्ट चेंजर के रुप में ही सही, बचे रहने का संतोष होगा और बीच-बीच में चैनल के रवैये पर अफसोस और गुस्सा भी आएगा. मसलन आपको तब बहुत ज्यादा गुस्सा आएगा जब अंजिरा को सजा के रुप में बैंडिट क्वीन की पोशाक पहनने के लिए कहा जाएगा. बच्चों के बीच घुलती-मिलती अंजीरा अचानक उनसे जब ये बार-बार दोहराने कहेगी- एप्पी फ्रेश अच्छी ड्रिंक है..आप तब उस ग्रामीण परिवेश से छिटकर इस सवाल पर टिक जाएंगे कि पूरे शो में जब चैनल के लोगो से ज्यादा बड़ी एप्पी की बोतल स्क्रीन पर चिपकी ही है तो अलग से ये एप्पी मंगलाचरण करवाने की क्या जरुरत थी ?