इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के पदाधिकारियों ने केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मुलाकात की। राजधानी दिल्ली के शास्त्री भवन में चली घंटे भर लंबी बैठक में IFWJ की तरफ से उपाध्यक्ष उमेश कुमार, उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, महासचिव परमानंद पांडे और कोषाध्यक्ष मौजूद थे। IFWJ की तरफ से केंद्र सरकार से मुख्यतौर पर दो मांग की गई।
पहली मांग- देश भर में हिंसा के शिकार हो रहे पत्रकारों के लिए संसद से ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ पास करवाया जाय, जिसमें ना सिर्फ पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो बल्कि उन पर राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले बेबुनियाद आरोपों पर भी उच्च अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई की जाय।
दूसरी मांग- ये मांग केंद्र सरकार की नई विज्ञापन नीति से जुड़ी थी जिसके तहत 25 हज़ार कॉपियों को छापने वाले अख़बारों के लिए चुनिंदा न्यूज एजेंसियों में से किसी एक से ख़बरों के लिए अनुबंध करने व अपने निजी प्रिंटिंग प्रेस लगाने का प्रावधान किया गया है। IFWJ ने सूचना प्रसारण मंत्रालय से अपील की है कि इन प्रावधानों से जिला और तहसील स्तर पर छोटे और मझोले अखबारों को बड़ा नुकसान होगा, जिसका असर पत्रकारों और उनके परिवार की आर्थिक हालात पर पड़ना तय है। वहीं 25000 कॉपियों से कम छापने वाले अखबारों को केंद्र सरकार के विज्ञापन नहीं मिलने की नीति के चलते उसकी आय के स्रोत कम हो जाएंगे और छोटे समाचारपत्र बंद होने की कगार पर आ जाएंगे।
इन मांगों पर केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि हम IFWJ के सभी सुझावों पर गम्भीरता से विचार करेंगे और मंत्रालय की तरफ से कमेटी का गठन करके इन सुझावों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ये भी कहा कि मोदी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और हम जल्द इसपर कानून बनाने के लिए मसौदे पर काम करेंगे। मुलाकात के बाद IFWJ के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री राठौर पर भरोसा जताते हुए धन्यवाद दिया और कहा कि हमें उम्मीद है, मोदी सरकार में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विधेयक लाया जाएगा। साथ ही सरकार छोटे समाचार पत्रों के लिए नियमों में कुछ नरमी लाने पर संजीदगी से विचार करेगी, जिससे जिला और तहसील स्तर पर पत्रकारों की नौकरी और आजीविका बनी रहे।
IFWJ के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को मजीठिया कमेटी की रिपोर्ट को सख्ती से लागू करवाने की कोशिश बड़े अख़बारों पर अधिक करनी चाहिए। छोटे समाचार पत्रों पर नरमी बरतने से निचले स्तर पर लोकतंत्र मज़बूत रहेगा। IFWJ के महासचिव परमानंद पांडे ने भी केंद्र सरकार द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा पर नियम बनाने की वकालत करते हुए कहा कि देश और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ये बहुत ज़रूरी है।