शाबास रिपोर्टर : कांग्रेस की निकम्मी सरकार गुंडई पर उतारू हो गयी है. प्रजातंत्र का गला घोंट देना चाहती है. उसका एक नमूना आज फिर से एक बार इंडिया गेट पर देखने को मिला.
सरकार सामूहिक दुष्कर्म मामले में इंडिया गेट पर आंदोलन कर रहे आम लोगों को जब हटाने में नाकाम रही तो अब बर्बरता पर उतारू हो गयी. सरकार के ईशारे पर आज शाम पुलिस बर्बरता की सारी हदों को पार कर गयी.
इंडिया गेट पर जो अशांति फैला रहे थे उन्हें तो खदेड़ा ही लेकिन साथ – साथ शांति से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर भी लाठी – डंडे बरसा कर उन्हें वहां से जबरन हटा दिया.
माफ कीजियेगा लेकिन कमीनेपन की हद तब हो गयी जब इस बर्बरता की कवरेज न हो, इसलिए कैमरों पर भी पानी की बौछार कर दी और एक बार ये सोंचने पर मजबूर कर दिया कि क्या ये वाकई प्रजातंत्र है?
लेकिन एनडीटीवी के पत्रकार उमा शंकर सिंह समेत दूसरे न्यूज़ चैनलों के कई पत्रकार पानी की बौछार खाने के बाद जब सवालों की बौछार करने लगे तो वहां तैनात पुलिस की सिट्टी – पिट्टी गुम हो गयी.
रिपोर्टर उमा शंकर सिंह ने जब वहां तैनात सुरक्षाकर्मी के प्रमुख से सवाल पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं. उलटे ऐसी बॉडी लेंग्वेज दिखाई जैसे उमा शंकर को भी कूट देगा.
लेकिन उमा शंकर ने अपने सवालों से उसे वहां से खिसकने पर मजबूर कर दिया. मानों कह रहे हों , तुम कैमरों पर पानी की बौछार करो, हम सवालों की बौछार करेंगे. शाबास रिपोर्टर !
NDTV India की एक रिपोर्ट :
इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठीचार्ज, मीडिया को भी बनाया निशाना
नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने पानी की बौछार के बीच जमकर लाठियां बरसाईं और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। मीडिया के कैमरों पर जानबूझकर पानी की बौछार की गई और जब कैमरे बंद हो गए, तो पुलिस ने लाठियां चलानी शुरू कर दी। यहां तक कि महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया और उन्हें भी पीटा गया।
प्रदर्शनकारियों के पथराव और तोड़फोड़ को लेकर पुलिसकर्मियों द्वारा उन पर आंसू गैस के गोले दागने एवं पानी की धार फेंकने के बाद हिंसा भड़क गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोहे की छड़ लेकर हमला भी किया। हालांकि ज्यादातर प्रदर्शनकारियों ने शांति बनाए रखी और उन्होंने प्रदर्शन के दौरान हिंसा पर एतराज जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा करने वालों की अपनी कुछ और ही मंशा है।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से बात की है। सुषमा ने मामले का हल निकालने के लिए सर्वदलीय बैठक की मांग की है। सुषमा ने लोगों से हिंसा न करने की अपील करते हुए कहा है कि जनता हमें थोड़ा समय दे।
दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के खिलाफ दिल्ली और आस−पास के इलाकों से लोग इंडिया गेट पर आज सुबह फिर से पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस तमाम कोशिशें कर रही थीं, लेकिन प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए आज फिर प्रदर्शनकारियों पर कई बार आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछार की गई।
प्रदर्शनकारियों ने भी जवाब में पुलिस पर पत्थरबाजी की। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने 26 जनवरी की तैयारी के लिए रखी गई लकड़ी की बल्लियों में आग लगा दी और एक गाड़ी भी पलट दी। एक पुलिस वैन में भी तोड़फोड़ की गई।
पुलिस अवरोधों के बावजूद राजपथ में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का प्रयोग किया। बाद में आसपास की सड़कों को खाली कराने की कोशिश के तहत प्रदर्शनकारियों को राजपथ में थोड़ा अंदर जाने की अनुमति दी गई। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अवरोधों को तोड़कर अंदर प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने एक बार फिर पानी की बौछारों का उपयोग किया।
पुलिस ने नई दिल्ली के सभी इलाकों में धारा 144 लगा दी है। राजपथ पर किसी की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इंडिया गेट और विजय चौक को भी पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है, यहां तक की मीडिया के लोगों को भी वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इसके अलावा इंडिया गेट के आसपास के सात मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प भी जारी है। एक तरफ जहां पुलिस लोगों को इंडिया गेट और आसपास के इलाकों से हटाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही हैं, तो दूसरी तरफ लोग भी पुलिस की जोर आजमाइश का लगातार जवाब दे रहे हैं।
कई लोग बस के ऊपर चढ़कर, तो कई लोग बस के नीचे जाकर पुलिस से बचने में लगे हैं। दिल्ली में हुए गैंगरेप के मामले से पूरा देश गुस्से में है। इन लोगों की मांग है कि कानूनों को और कड़ा किया जाए और दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
इस बीच, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने इंडिया गेट के समीप अशोक रोड स्थित हैदराबाद हाउस में धरना दिया। केजरीवाल ने कहा, लोगों का गुस्सा समझ में आ रहा है। सरकार की निष्क्रियता, उदासीनता और अहंकार बर्दाश्त करने योग्य नहीं है, लेकिन मैं सबसे अपील करूंगा कि वे हिंसा न करें।
उन्होंने कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब पूरी नई दिल्ली में धारा 144 लगाई गई हो। सरकार लो
गों से डरी हुई है। सरकार लोगों के साथ युद्ध कर रही है। सरकार कैसे निहत्थे लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक रही है? धारा 144 केवल लोकतंत्र को बचाने के लिए लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए। उन्होंने बलात्कारियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आह्वान किया।
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एनडीटीवी के उमाशंकर सिंह के सवालों से भाग खड़ी हुई बर्बर पुलिस mediakhabar.com/video/4858-umashankar-singh-brave-reporting.html