विनीत कुमार : आजतक पर श्वेता सिंह ने जिस बेशर्मी से नरेन्द्र मोदी का पक्ष रखा, कुछ नहीं तो उन्हें अपने ही चैनल की उन पुरानी फुटेज पलटनी चाहिए जिसमे ये साफ दिखाया-बताया गया है कि नरेन्द्र मोदी के लोगों ने आजतक के पत्रकार पर हमले किए, कवरेज से रोका,कैमरे तोड़ दिए. गुजरात में चैनल को कई दिनों तक ब्लैकआउट रखा. आजतक के लोगों को तरह-तरह से परेशान किया गया.
श्वेता सिंह का सतहीपन आज अपने परवान पर था. वो कह रहीं थी कि मीडिया ने नरेन्द्र मोदी की लगातार आलोचना की लेकिन नरेन्द्र मोदी ने मीडिया को इग्नोर किया और काम करते रहे..
जरा श्वेता सिंह से कोई सवाल तो करे कि जो सरकार मीडिया के लोगों को धमकाए, परेशान करे, चैनल ब्लैकआउट करे,लोकतंत्र की बुनियादी शर्तों की धज्जियां उड़ाए, वो क्या उसकी आरती उतारेगा ?
लेकिन नहीं, श्वेता सिंह अपने ही चैनल के साथ हुई ज्यादती को भूल गई. उन्हें ये बिल्कुल याद नहीं रहा कि तहलका के साथ की जो स्टिंग आजतक ने की थी और गुजरात नरसंहार का जो सच लोगों के सामने पेश किया था( 2007), उसे आज चारण करते वक्त कैसे एक मिनट में भूल गईं..
इतना तो सब जानता है कि ये चैनल अपने धंधे के आगे किसी के नहीं होते लेकिन बहुत जल्द ही दर्शक समझने लगेंगे कि ये किसी के क्या खुद अपने इतिहास के साथ भी नहीं होते.
विनीत कुमार: आज न्यूज चैनलों ने नरेन्द्र मोदी को बीजेपी के लिए पीएम उम्मीदवार की स्टोरी को इस तरह से दिखाया कि जैसे वो देश के प्रधानमंत्री हो गए हों..इस आपाधापी के बीच भी न्यूज चैनल बीजेपी की सरकार बनाने में पिछड़ गए हैं..मनोरंजन चैनलों ने मोदी का देश कैसा हो, स्टार प्लस,सोनीटीवी, जीटीवी जैसा हो का नारा पिछले तीन महीने में पौराणिक,धार्मिक कथाओं के नाम पर अल्टर्ड सीरियल लांच करके दे दिया है. आप जो राजनीति सिर्फ न्यूज चैनलों की खबरों के बूते समझने के लिए लालायित रहते हैं, कभी मनोरंजन चैनलों का रुख कीजिए, स्वस्थ मनोरंजन के बीच राजनीति एजेंड़े और बैलेंसशीट की जुगलबंदी के बेहतरीन नमून मिलेंगे. राजगोपाल ने ऐसे नहीं दूरदर्शन पर रामायण के प्रसारण के बाद ही दक्षिणपंथी हिन्दूवादी राजनीति की संभावना के विस्तार पर गंभीर किताब नहीं लिख दी थी..तब तो एक चैनल थे और अब…
Viplav Vinod
चैनलों की नजर में दामिनी को मिले ऐतिहासिक इंसाफ से बड़ी घटना है एक पार्टी की ओर से किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद के लिये उम्मीदवार बनाने की घोषणा करना। यह है मोदी के पैसे पर बिके चैनलों की सामाजिक सरोकार।
Ashutosh Kumar
जो आदमी सालों से चीख चीख कर कह रहां था कि मुझे नहीं बनना ,मैं ने कोइ ऐसा सपना नहीं देखा,मुझे तो गुजरात की सेवा करनी है , वह एक झूठी और बेमानी घोषणा के वक़्त एक पल को शर्माया तक नहीं ,एक दिखावटी ना तक न की। मीडिया ऐसे पगलाया है जैसे वह पहले ही भारत के पहले और आख़िरी पीएम बन चुके हैं । जल्दबाज जश्नबाजों का हाल क्या होता है
Shri Dharam
चैनल वाले रोपोर्टर भैय्या भाजपा कार्यकर्ता के साथ हाँफ-हाँफ कर ऐसे नाच रहे हैं जैसे मोदी प्रधानमंत्री-पद की सपथ लेने जारहे हों..
(फेसबुक से साभार)
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