सुशांत सिन्हा ने समझाया रिपीट ख़बरों का अर्थशास्त्र

न्यूज़ चैनल्स पर कई ख़बरें रिपीट होती हैं जिन भी लोगों को ये लगता हो तो उन्हें दो बातें समझनी होंगी - पहली बात-- पूरा देश एक साथ बैठकर कोई एक चैनल नहीं देख रहा होता।

सुशांत सिन्हा,एंकर,इंडिया न्यूज़
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जिन भी लोगों को लगता है कि न्यूज़ चैनल्स पर कई ख़बरें रिपीट होती हैं उन्हें दो बातें समझनी होंगी –

पहली बात— पूरा देश एक साथ बैठकर कोई एक चैनल नहीं देख रहा होता। हो सकता है कि आपने खबर देख ली हो पर कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें सुबह से टाइम ही नहीं मिला होगा न्यूज़ देखने का। उनका क्या? वो भी तो दर्शक है। एक रूट पर एक ही बस कई बार इसीलिए चलती है क्योंकि वक्त वक्त पर अलग अलग मुसाफ़िरों को उस बस की दरकार है। सारे यात्री कभी भी एक टाइम पर एक बस में यात्रा नहीं करते। इसलिए जैसे बार बार बस चलानी पड़ती है वैसे हीं बड़ी ख़बरें चलानी पड़ती हैं।

दूसरी बात— अगर आपको लगता है कि दिन भर कई खबरें रिपीट हो रही हैं तो इसका मतलब ये भी है कि आप दिन भर न्यूज़ चैनल्स ही देख रहे हैं। जीवन में थोड़ी विविधता लाइए। कुछ और भी कीजिए। वैसे भी न्यूज़ चैनल्स उस बादाम की तरह हैं जिन्हें दिन में दो चार ही खाया जाता है ताकि दिमागी सेहत बनी रहे। दिन भर बादाम ही खाते रहिएगा तो पेट तो खराब हो ही जाएगा।

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