मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे अखबार मालिकों को करारा झटका लगा है। इस मामले को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर माननीय मुख्य न्यायमूर्ति पी. सथशिवम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आज संक्षिप्त सुनवाई के बाद करीब दो बजे खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय प्रिंट मीडिया और समाचार एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। वेतन वृद्धि और एरियर को लेकर टालमटोल कर रहे मालिकान के लिए अब इससे बचने का कोई कानूनी रास्ता नहीं रहा गया है।
दो दिन से इस पर मीडया से जुड़े सभी लोगों की नजरें लगी हुई थीं। इस पीठ के दो अन्य न्यायाधीशों में रंजन गोगोई और शिवा कीर्ति सिंह शामिल रहे। याचिका दाखिल करने वालों में आनंद बाजार पत्रिका निकालने वाले समूह एबीपी प्रा.लि., इंडियन एक्सप्रेस लिमिटेड, इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, राजस्थान पत्रिका प्रा. लिमिटेड, उषोदया पब्लिकेशंस, और द प्रिंटर्स (मैसूर) प्रा.लि. के नाम शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के ताजा कदम से अखबारों, पत्रिकाओं और समाचार एजेंसियों में कार्यरत पत्रकारों और गैर-पत्रकारों को अपने बढ़े वेतन एवं एरियर के लिए अब और इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
—————————–सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध याचिकाएं————————
LIST OF CURATIVE & REVIEW PETITIONS FOR WEDNESDAY THE 9th APRIL, 2014
AT 1:50 P.M.
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HON’BLE THE CHIEF JUSTICE
HON’BLE MR. JUSTICE RANJAN GOGOI
HON’BLE MR. JUSTICE SHIVA KIRTI SINGH
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R.P(C)No.837/2014 In W.P(C)No.246/2011
X BY CIRCUL.-N ABP PVT LTD & ANR
99,125,134, 0, 0 S.( 110)Vs. UOI & ORS
1ST LISTING
WITH
R.P(C)No.763/2014 In W.P(C)No.264/2012
X BY CIRCUL.-N THE INDIAN EXPRESS LTD & ANR
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UOI & ORS
1ST LISTING
WITH
R.P(C)No.703/2014 In W.P(C)No.315/2012
X BY CIRCUL.-N USHODAYA PUBLICATIONS & ANR
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UNION OF INDIA & ORS
1ST LISTING
WITH
R.P(C)No.836/2014 In W.P(C)No.408/2011
X BY CIRCUL.-N THE PRINTERS (MYSORE) PVT LTD & ANR.
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UOI & ORS
1ST LISTING (WITH APPLN.(S) FOR C/DELAY IN FILING REVIEW PETITION)
WITH
R.P(C)No.839/2014 In W.P(C)No.384/2011
X BY CIRCUL.-N THE INDIAN NEWSPAPER SOCIETY & ORS.
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UOI & ORS.
1ST LISTING
WITH
R.P(C)No.840/2014 In W.P(C)No.510/2011
X BY CIRCUL.-N RAJASTHAN PATRIKA PVT LTD
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UOI
1ST LISTING
WITH
R.P(C)No.841/2014 In W.P(C)No.538/2011
X BY CIRCUL.-N PRESS TRUST OF INDIA
99,125,134, 0, 0 S.( 110) Vs. UNION OF INDIA & ORS