तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता जी के स्वर्गवास के बाद राज्यपाल विद्याधर राव ने समय – समय पर विवेक का प्रयोग कर तमिलनाडू में सही सरकार बने कोशिश कर रहे हैं | राज्यपाल राज्य सरकार में कार्यपालिका अध्यक्ष माना जाता है उन्हें ही संविधान द्वारा वैधानिक शक्तियाँ हासिल हैं राज्य में सभी कार्यपालिका सम्बन्धी कार्य राज्यपाल के नाम पर राज्य मंत्री परिषद करती है |प्रदेश में कुछ ही घंटों मे पनीरसेल्वम को तमिलनाडू का मुख्यमंत्री घोषित किया गया इससे पहले भी जयललिता ने जेल जाते समय उन पर विश्वास कर उन्हें यह पद सोंपा था वह उनके वफादारों में प्रमुख थे जैसे ही कर्नाटक के हाई कोर्ट ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति के केस में राहत दी वह पुन: मुख्यमंत्री बन गयी| पनीर सेलवम की जेब में जयललिता की तस्वीर रहती है वह कभी उनकी कुर्सी पर नहीं बैठे | पार्टी मुख्यालय में अन्ना द्रुमुक के विधायकों की मीटिंग में मंत्री पनीर सेल्वम ने पार्टी मुख्यालय में शशिकला के नाम का प्रस्ताव रखा शशिकला विधायक दल की सर्वसम्मती से नेता चुनी गयीं उन्होंने धन्यवाद देते हुए कहा था पनीर सेल्वम ने सबसे पहले उन्हें महासचिव और मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी किया था वह तमिल नाडू की बेहतरी और जनता के कल्याण के लिए काम करेंगी उनका मुख्यमंती बनना जितना आसान लग रहा था वैसा हुआ नहीं |
शशिकला के उत्थान की कथा – श्रीमती शशिकला पैसा कमाने के लिए वीडियो पार्लर चलाती थी महत्वकांक्षी थीं इनके पति नटराजन के अनुरोध पर इनकी मुलाक़ात एमजीआर की करीबी चन्द्रलेखा ने जयललिता से करवाई थी यह सम्बन्ध इतना घनिष्ट हुआ पूरा परिवार जय ललिता के घर पर रहने आ गया |शशिकला के भतीजे सुधाकरन को जय ललिता ने गोद ले लिया उसके विवाह पर 100 करोड़ के करीब खर्च किया प्रसिद्ध संगीतकार श्री रहमान को भी बरात में अपने बैंड के साथ शामिल होना पड़ा था |फिजूल खर्ची के लिए चर्चित विवाह ने जयललिता की छवि मतदाता के सामने बिगाड़ दी उन को 1996 में हार का मुहँ देखना पड़ा | जयललिता को बड़ा झटका लगा उन्होंने शशिकला के परिवार को अपने घर से निकाल कर सुधाकरन से भी सदैव के लिए सम्बन्ध खत्म कर लिये लेकिन शशिकला ने फिर से अपने सम्बन्ध बना लिए लेकिन शशिकला के परिवार को अब अम्मा ने अपने घर से दूर कर दिया | शशिकला के 17 दिसम्बर 2011 में जयललिता से फिर सम्बन्ध बिगड़ गये उन्होंने शशिकला को अपने घर से ही नहीं पार्टी से भी निकाल दिया सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने पर मार्च 2012 में सम्बन्ध सुधरे पार्टी में तो शामिल कर लिया लेकिन कोई पद पार्टी और सरकार में नहीं दिया न कभी ब्यान दिया जिससे वह उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी सिद्ध हो सकें |अम्मा बिमारी में अस्पताल में भर्ती थी वही उनकी देखभाल करती थीं उनकी आज्ञा के बिना कोई उनसे मिल नहीं सकता था |अम्मा के आँखें मूंदते ही उनका परिवार जयललिता के शव के आस पास खड़ा था उनका अपना रक्त सम्बन्धी रिश्तेदार पास फटकने नहीं दिया जबकि अम्मा की अपनी भतीजी दीपा जयकुमार भी थी जो शिक्षित महिला हैं |शशिकला और उनके परिवार का अम्मा की अंतिम यात्रा में साथ यह संकेत था शशिकला आगे जा कर तमिल राजनीति में अम्मा के बाद खाली स्थान भरने में अपनी मुख्य भूमिका अदा करेंगीं उनकी समस्त अंतिम क्रियायें शशिकला ने स्वयं की |उन्हें अफ़सोस था उन्होंने जयललिता की मृत्यू के भावुक माहौल की वजह से अपने आप को विधायक दल का नेता घोषित करने में देर कर दी जबकि उन्हें उसी समय मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी थी| पार्टी महासचिव सर्व सम्मति से घोषित होने पर अब वह दोनों पद सम्भालना चाहती थीं|
शशिकला जल्दी से जल्दी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना चाहती थी जबकि विधान सभा में विधायक भी नहीं हैं न पार्टी में उनका कोई पद है लेकिन जयललिता का वह दाया हाथ रही हैं |जय ललिता को तमिल नाडू के लोग अम्मा कहते हैं उनकी कुर्सी के पीछे सदैव बैठने वाली शशिकला को चिन्नम्मा अर्थात छोटी बहन| अम्मा और शशिकला पर आय से अधिक सम्पत्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था जिसपर निर्णय आने ही वाला था |पनीरसेल्वम ने उनके दबाब में आ कर घरेलू कारण के नाम पर इस्तीफा दिया लेकिन फिर उन्होंने वापस ले लिया अब वह भी मुख्यमंत्री की रेस में थे|
राज्यपाल ने शपथ दिलवाने में जल्दबाजी नहीं की वह जानते थे कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनको बरी कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट में की गयी अपील का फैसला क्या होगा ? इसमें उन्होंने कानून के ज्ञाताओं से भी सलाह मशवरा लिया |सुप्रीम कोर्ट में निर्णय शशिकला के खिलाफ रहा अब उन्हें जेल जाना था| अब उनकी नजर में पनीरसेल्वम ने उन्हें धोखा दिया |अधिकाँश जनता अम्मा को तो प्यार देती थी परन्तु उन्हें ? जयललिता ने कर्नाटक हाई कोर्ट से बरी होने के बाद जनता से सौहार्द बढ़ाया हर कल्याण कारी कार्य अम्मा के नाम पर होता था बेरोजगारी की समस्या को गम्भीरता से लिया मुख्य काम जिसमें मुख्य अम्मा की रसोई था जिससे जनता में उनकी प्रसिद्धि बढ़ती गयी | उनकी शब यात्रा में उनकी भतीजी दीपा भी शामिल थी वह अच्छी खासी पढ़ी लिखी महिला हैं लेकिन रक्त सम्बन्ध होने के बाद भी उन्हें शशिकला परिवार ने आगे नहीं आने दिया |शशिकला ने महा सचिव बनने के बाद देखा पन्नीरसेल्वम अच्छी तरह कार्य संचालन कर रहे हैं जली कट्टू उत्सव के पक्ष में छात्र आन्दोलन के दौरान कुछ प्रतिबंधित संगठनों के उपद्रव को उन्होंने शांत करवाया जिससे उत्सव अपने परम्परागत ढंग से मनाया गया | शशिकला ने मुख्यमंत्री बनना था दोनों पदों पर अपने को आसीन करने की कोशिश कर मुख्यमंत्री पद का दावा पेश किया |महा सचिव का पद ग्रहण कर शशिकला ने दो दिन चलने वाले मीडिया के सम्मेलन का उद्घाटन किया वह मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम के साथ मंच पर भी रहीं| चंद शब्द भी कहे |अब पनीरसेल्वम भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं |उन्हें शशिकला ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया |
राज्यपाल समय काट रहे थे शशिकला ने 124 विधायकों को जिन्हें वह अपना समर्थक कहती हैं चेन्नई से 80 किलोमीटर की दूरी पर कूवाथुर रिजार्ट रह रहे हैं | कोर्ट का फैसला शशिकला के विरुद्ध आया जयललिता दुनिया में नहीं है इसलिए उन पर से आरोप हटा दिए गये उनकी सह अभियुक्त शशिकला और उनकी नन्द दो परिवार जनों को चार वर्ष की कैद जिसमें वह एक माह की सजा भुगत चुकी हैं, 10 करोड़ जुर्माने की सजा दी गयी सजा भी तुरंत लागू की गयी |शशिकला ने स्वास्थ के आधार पर चार सप्ताह का समय माँगा लेकिन माननीय कोर्ट ने इंकार कर दिया अब वह दस वर्ष तक मुख्यमंत्री नहीं बन सकती |शशिकला ने पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिये अपने भांजे दीनाकरन को पार्टी में डिप्टी जनरल सेकेट्री, दूसरे भांजे प्रभाकरन की भी स्थित मजबूत कर अग्रिम पंक्ति में स्थान दिया |अपने विश्वस्त पलानीसामी को विधायक दल का नेता बनाया उनके पास शशिकला के 124 विधायकों में से 120 का समर्थन है उन सभी मंत्रियों को मंत्री मंडल में लिया गया पहले से मंत्री थे केवल एक को छोड़ कर वह पहले ही पनीरसेल्वम के गुट में आ गया था |कोई भी विधायक चुनाव नहीं चाहता है | अब बारी थी इमोशनल सियासी ड्रामा कर जन समर्थन पाने की कोशिश वह अम्मा की समाधि पर गयीं तीन बार समाधी पर हाथ मार कर शपथ ली वह पार्टी के हित में काम करेंगी और विरोधियों से बदला लेंगी |कहते हैं तीन बार समाधि पर हाथ मारना शपथ लेना बदले की परम्परा का हिस्सा है | वह एमजी आर की समाधि पर भी गयीं उनके समर्थक चिन्नमा के नारे लगा रहे थे |कर्नाटका के बंगलोर स्थित जेल में उनका कैदी नम्बर है अपने लिए मिनरल वाटर ,घर के खाने की अनुमति और अलग सेल मांगा लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अभी वही दिया है जो साधारण कैदियों को मिलता है वह रोज मोमबत्ती बनाएंगी जिसका मेहनताना पचास रूपये रोज मिलेगा |
जेल जाते समय उनके काफिले के साथ उनके पति नटराजन भी थे उनके अनुसार उनका परिवार सदा जयललिता के साथ खड़ा रहा है एमजीआर की मृत्यू के बाद जयललिता का वहाँ विरोध हुआ हम उन्हें अंतिम संस्कारमें लेकर गये यदि वह राजनीति में आते हैं उसमें गलत क्या है? गलत कंठ तक डूबी शशिकला सुप्रीम कोर्ट द्वारा दंडित हैं |
पलानीसामी ने मुख्यमंत्री पद का दावा पेश कर राज्यपाल को 120 समर्थक विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा राज्यपाल ने पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद और अन्य 31 मंत्रियों को पद शपथ दिलवाई| शपथ ग्रहण में आगे की सीटों पर शशिकला के अपने लोग बैठे थे |वह विधान सभा में शनिवार 18 फरवरी को बहुमत सिद्ध करेंगे ,बहुमत सिद्ध भी कर देंगे| अभी शशिकला के विश्वास पात्र होने का इनाम मिला है क्या शांति से अपना कार्य काल पूरा कर सकेंगे ?चुनौतियाँ अनेक हैं उन्हें जातियों और समुदायों के बीच तालमेल बिठाना है |यहाँ की राजनीति को 16 उपजातियाँ और चार मुख्य जातियां प्रभावित करती हैं अल्प संख्यक मुस्लिम और ईसाई भी हें | जेल में बैठी शशिकला भी अपने हिसाब से सरकार में दखल रखेंगी | “द्रविड़ नेता अन्ना दुरई ने पहली गैर कांग्रेसी सरकार का गठन किया था|”
कांग्रेस को फिर कभी मौका नहीं मिला द्रुमुक के 90 विधायक हैं बाम पंथी अपने आप को पनीरसेल्वम के पीछे खड़ा दिखाना चाहते हैं |मुख्यमंत्री जय ललिता के प्रधान मंत्री मोदी जी से मधुर सम्बन्ध थे अत: केंद्र सरकार भी चाहती हैं राज्यों में केंद्र से मधुर सम्बन्ध वाला व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बने हालाकि भाजपा ने वहाँ की राजनीति से अपने आप को अलग ही दिखाया है|
18 फरवरी तमिलनाडू विधान सभा में जम कर हंगामा हुआ पलानीसामी को सदन में बहुमत सिद्ध करना था लेकिन कांग्रेस और स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके के विधायक चाहते थे गुप्त मतदान द्वारा बहुमत का निर्णय हो हंगामें धक्का मुक्की के बीच स्पीकर ने मार्शलों की मदद से डीएमके विधायकों को सदन से निकाल दिया कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया | बहुमत सिद्ध हो गया प्रदेश को मुख्यमंत्री मिल गया क्या सरकार शांति से चल सकेगी ? जेल से शशिकला सरकार पर अपना दबाब नहीं बनाएंगी ?
मिडिया खबर में लिखा लेख आशुतोष जब आईबीएन -७ के मुख्य संपादक थे तब उन्होंने पुख्ता जानकारी के आधार पर एक ३० मिनट का प्रोग्राम ऑन एयर किया था। इस प्रोग्राम की स्क्रिप्ट भलेही फ़िल्मी लगती हो किन्तु देश की राजनीति में हड़कंप मचाने वाली थी। प्रोग्राम का शीर्षक था ” तमिलनाडु में तख्ता पलट की कोशिश ? जी हां। तख्तापलट। तत्कालीन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता की ख़ास दोस्त शशिकला ने यह कोशिश उनके ख़ास रसोइयो के जरिये की थी। शशिकला ने उनके पुश्तेनी गाव से जयललिता के लिए ख़ास रसोइये मंगवाए थे। रसोइयो को खाने में स्लो – पोइजन कैसे देना है ? कब देना है ? कितनी मात्रा में देना है ? ताकि धीरे धीरे जयललिता का शरीर का एक एक हिस्सा काम करना बंद कर दे ? और उसके बाद तमिलनाडु का कैसा तख्तापलट करना है। इस पर आशुतोष ने एक बेहतर प्रोग्राम किया था। लेकिन जयललिता को जब उसे स्लो – पोइजन देखर मारने की कोशिश की जा रही है ऎसी आशंका आई तब जयललिता ने आनन् पानन शशिकला को बाहर का रास्ता दिखा दिया। तथा उनके द्वारा गाव से लाये गए कभी बावर्ची को हटा दिया गया था। आय से अधिक संपत्ति मामले में जब शशिकला को ४ वर्ष की जेल हुई है। तब आशुतोष ने किया हुआ यह खुलासा याद आया है।