भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) आजकल यज्ञ की आग में जल रहा है. हालाँकि यज्ञ अभी हुआ नहीं है. यज्ञ 20 तारीख को होनी है और उसके बाद पत्रकारिता सेमिनार होगा. लेकिन यज्ञ को लेकर विरोध और समर्थन की कुछ ऐसी लकीर खिंची है कि पूरा सोशल मीडिया सुलग उठा है. IIMC के पूर्व छात्र भी इस मुद्दे पर दो फाड़ हो गए हैं. कुछ छात्र इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ छात्र विरोध. कुछ प्रतिक्रियाएं –
अविनाश चंचल –
आईआईएमसी में यज्ञ होना मेरे लिये उतनी चिंता की बात नहीं है, जितना वहां आयोजित मीडिया सेमिनार में ‘वंचितों का सवाल’ पर कल्लूरी का बोला जाना। बस्तर आईजी कल्लूरी वही है जिसपर ‘बालात्कार, फेक इनकाउंटर’ जैसे गंभीर आरोप लगे हैं और खुद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मामले की जांच कर रहा है। यह वही कल्लूरी है जिसके नेतृत्व में निर्दोष आदिवासयों की ‘हत्या’ करने, उन्हें ‘झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने’ और ‘महिलाओं के स्तन निचोड़ कर उनके नक्सली होने का पता लगाने’ जैसे भयानक आरोप लगे हैं।वंचितों के सवाल पर पत्रकारों को वो बताने आ रहा है जिसपर वंचितों की हत्या का आरोप है। मैं संस्थान का एक पूर्व छात्र होने के नाते अपनी लानत भेजता हूं, आईआईएमसी प्रशासन को जिसने एक पत्रकारिता संस्थान को नफरत की प्रयोगशाला बनाने की ठानी है।
रोहिन वर्मा –
आईआईएमसी स्वाहा!अब समूचा खेप बर्बाद करने की तैयारी है.सरस्वती की प्रतिमा पहले से थी. नारद पहले पत्रकार थे ही. अब यज्ञ भी करवा ही लो. मैं शिक्षकों के प्रति आस्था भाव से आजाद हो रहा हूँ. इस दौर को अब व्यवस्थित तरीके से लिखूंगा. आईआईएमसी का माखनलाल होते देखना असहज है.पूर्व और करेंट बैच के छात्र इसे लिखने में साथ आना चाहते हैं, स्वागत हैं. इमका (IIMCAA) से जुड़े खिलाड़ी, आपका स्वागत नही
धर्मेन्द्र पांचाल –
आईआईएमसी में यज्ञ हो रहा है..
देश के बुद्धिजीवी संस्थान के वातावरण को शुद्ध करने की कोशिश..
#कैंप फायर से यज्ञ तक#
मेरा कॉलेज बदल रहा है
सौरव सोनी –
#आईआईएमसी में महज हवन होने से शैतानों को मोक्ष प्राप्त हो रहा है…सब परमात्मा की महिमा है…हे इश्वर अशांत अात्माओं के अधिक कचडा़ एफबी पर उढ़ेलने से पहले बाकी सबको भी शांतिधाम बुलाले… ये लोग (कम्यूनिस्ट) बड़े परेशान हैं.
#जय_हो
#लाल_सलाम
#अाए_लव_कम्यूनिज्म
प्रशांत प्रत्युष –
भाया अरविंद दा के वाल से….20 मई को हवन के साथ-साथ आईआईएमसी का तर्पण भी कर देना चाहिए. और फिर ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन’ की जगह ‘पांचजन्य स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन’ शुरू कर देना चाहिए. संचार को हिंदू संस्कृति के रूप में (Communication as Hindu Culture), पढ़ने में फिर उन्हें आसानी होगी. अभी तक तो हम संचार को एक ऐसी सांकेतिक प्रक्रिया के रूप में परखते आए हैं जहाँ यथार्थ का उत्पादन होता है, इस पांचजन्य स्कूल के बाद नारदीय भक्ति भाव से हम ऐसे यर्थाथ से रू-बरू होंगे जहाँ हमें सिर्फ अच्छे दिन दिखेंगे!
अविनाश कुमार –
(रवीश कुमार के जी सुरेश से);
रवीश: सर जब हम सवाल नहीं पूछेंगे..तो क्या करेंगे ??
के जी सुरेश: हवन करेंगे, हवन करेंगे, हवन करेंगे😆😆😜😜
नोट : के जी सुरेश आईआईएमसी के डायरेक्टर हैं।
#शर्मनाक़_आईआईएमसी
मीडिया स्कैन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति –
प्रेस रिलीज
मीडिया के विभिन्न स्वरूप और उनके काम के तरीके को लेकर चौक-चौपालों से लेकर संसद तक में सवाल और बहस का सिलसिला चलता रहता है. इनसे जुड़े मुद्दों को लेकर तमाम चर्चाओं के साथ ही अफवाहों का जोर भी बढ़ता है. मीडिया छात्रों, शिक्षकों और मीडियाकर्मियों से जुड़े विषयों को लेकर रचनात्मक हस्तक्षेप करनेवाली संस्था मीडिया स्कैन अपने दस साल पूरा होने के अवसर पर ऐसे कई प्रासंगिक मुद्दों पर केंद्रित एक राष्ट्रीय संविमर्श का आयोजन कर रहा है.
एशिया के प्रतिष्ठित मीडिया प्रशिक्षण केंद्र भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली परिसर में 20 मई शनिवार को मीडिया एंड मिथ थिम पर आयोजित होनेवाले एकदिवसीय परिसंवाद के विभिन्न सत्रों में ऐसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. आयोजन में देशभर से संबंधित प्रशिक्षुओं, रिसर्च स्कॉलर, एकेडमिशियन, समाजसेवी, मीडियाकर्मी, ब्यूरोक्रेट वगैरह सहभागी होंगे.
मीडिया स्कैन, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, नई दिल्ली और आईआईएमसी के संयुक्त तत्वाधान में होनेवाले इस सारस्वत आयोजन में छह सत्रों में वंचित समुदायों के सवाल, इतिहास पुनर्लेखन, जम्मू कश्मीर के हालात, सरकारी जनसंचार सेवा और विशेषज्ञता, राष्ट्रीय विचारों की पत्रकारिता और धर्मपाल स्मृति व्याख्यान पर चर्चा की जाएगी.
प्रमुख वक्ताओं में शिक्षा और भाषा आंदोलन के अतुल कोठारी, जम्मू कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ अरुण कुमार, केजी सुरेश, महानिदेशक, आईआईएमसी, विकास भारती के संस्थापक पद्मश्री अशोक भगत, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री जवाहरलाल कौल, दिल्ली प्राद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. योगेश सिंह, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम, लेखक राजीव रंजन प्रसाद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसआरपी कल्लूरी, भारत भवन, भोपाल की निदेशक डॉ. कुसुमलता केडिया, कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के अनिल पांडेय, आर्थिक पत्रकार बदरीनाथ, हरियाणा सरकार के सूचना आयुक्त भूपेंद्र धर्मानी, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के डॉ. अनिल राय अंकित, फिल्म जगत से जुड़ी अमेरिकी साध्वी डेजा ओम, विख्यात कथाकार अतुल कृष्ण भारद्वाज, सभ्यता अध्ययन केंद्र के निदेशक रविशंकर, भाषाविद् प्रमोद दूबे, कर्नल (रिटा.) जयबंस सिंह सहित कई गणमान्य शामिल होंगे.
उद्घाटन सत्र से पहले सामूहिक योग प्रशिक्षण और सामूहिक यज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा. डॉ. सौरभ मालवीय द्वारा संपादित राष्ट्रीय पत्रकारिता विषयक आलेखों के संकलन का विमोचन भी किया जाएगा. पुस्तक में देशभर के चुने हुए तीस पत्रकारों के आलेख शामिल हैं. इस दौरान दिनभर मीडियाकर्मियों के लिए नेत्र जांच शिविर चलता रहेगा. आयोजन स्थल पर देश के दो प्रसिद्ध युवा फोटो जर्नलिस्ट्स के पुरस्कृत तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.