भोपाल। अखिल भारतीय हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर हिन्दी पत्रकारिता का सफर, उसकी उपलब्धि एवं उसकी चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुये अंतर्राष्ट्रीय मानक की शोध पत्रिका समागम ने अपना ताजा अंक जारी किया है। विगत 14 वर्षों से मीडिया एवं सिनेमा को केन्द्र में रखकर प्रकाषित हो रही मासिक शोध पत्रिका समागम के इस अंक में हिन्दी पत्रकारिता का पहला पत्र उदंत मार्तंड के प्रकाषन से लेकर आधुनिक युग में ट्वीट करती पत्रकारिता का विवेचन किया गया है। इसके अतिरिक्त हिन्दी पत्रकारिता में भाषा के संकट पर भी स्कॉलर ने अपना शोध पत्र लिखा है। विज्ञापन जगत एवं मीडिया के अंतर्सबंधों को रेखांकित करते आलेख सहज ही ध्यान आकर्षित करते हैं। इस आषय की जानकारी शोध पत्रिका के संपादक मनोज कुमार ने दिया। उन्हांेने बताया कि पूर्णकालिक मासिक शोध पत्रिका समागम में देषभर के मीडिया, षिक्षण एवं साहित्य के विषेषज्ञ का जुड़ाव है जिनके मार्गदर्षन में शोध पत्रिका समागम का प्रकाषन निरंतर किया जा रहा है। शोध पत्रिका समागम का जुलाई अंक हिन्दी के अमर कथाकार मुंषी प्रेमचंद को समर्पित किया गया है।
नयी ख़बरें
टेलीविजन पत्रकार अभिषेक उपाध्याय की किताब यूपी टू यूक्रेन
टेलीविजन पत्रकार अभिषेक उपाध्याय रचनात्मक है और यही वजह है कि रिपोर्टिंग के साथ-साथ वे लिखते-पढ़ते भी रहते हैं।
इसी रचनात्मकता को शब्दों में...