सहारा मीडिया में अजब-गजब घटनाएं घटती रहती है. चैनल हेड कभी अचानक मार्केटिंग हेड बन जाते हैं तो मार्केटिंग का आदमी कंटेंट….. ऐसी ही मजेदार घटना राष्ट्रीय सहारा देहरादून में हुई है। मामला कुछ यूं है.
सहारा में पिछले दिनों एक उपसंपादक रखे जाने को लेकर कुछ लोगों के इंटरव्यू व परीक्षा ली गई। लेकिन लगता है कि जुगाड़ की महिमा से नतीजा पहले से ही फिक्स था।
सो ‘आज समाज’ अंबाला के एक उपसंपादक अभिषेक सिंह का चयन किया गया और दिल्ली के जुगाड़ की ताकत इतनी कि उन्हें उपसंपादक की जगह सीधे मुख्य उपसंपादक के रूप में भर्ती कर लिया गया।
अब संपादक ने उन्हें प्रथम पेज की जिम्मेदारी दी तो इतनी गलतियां हुई कि उन्हें वहां से हटाकर सिटी के पेजों की जिम्मेदारी दी गई। वहां भी अब कमाल हो रहा है। मसलन कभी डेटलाइन गायब तो कभी खबरों का दुहराव।
सहारा समूह पहले से संकट में है लेकिन वहां जमे मठाधीश संकट को नजरअंदाज करते हुए पहले की तरह अपना सिक्का चला रहे हैं। अखबार गर्त में जाए तो जाए। मेरी बला से. अपन तो कोई-न-कोई ‘सहारा’ खोज ही लेंगे.