ब्रह्मानंद राजपूत
विजयदशमी असत्य पर सत्य की विजय, हिंसा पर अहिंसा की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने इसी दिन लंका के राजा रावण का वध किया था। तभी से अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी मनाई जाती है। दशहरा भारत के कोने-कोने में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत के हर क्षेत्र में रावण रुपी पुतले का दहन किया जाता है। विजयदशमी ऐसा पर्व है जो हमें सिखाता है कि ईमानदारी, अच्छाई के रास्ते पर चलने वाले लोग हमेशा विजयी होते हैं। आज के दिन हिन्दू समाज में क्षत्रिय लोग अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं और ब्राह्मण लोग अपने शास्त्रों की पूजा करते हैं।
विजयदशमी पर्व आपसी भाईचारे को बढ़ाता है। भारतीय संस्कृति में विजयदशमी का अपना ही धार्मिक और सामजिक महत्व है। धार्मिक आधार पर विजयदशमी हिन्दू धर्म में भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। सामजिक आधार पर भी दशहरा हमें सत्य, अहिंसा, अच्छाई के रास्ते पर चलने का सन्देश देता है।
आज के दिन मनुष्य को अपने अंदर के दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी का परित्याग करना चाहिए। आज हमारे समाज में अस्वच्छता रुपी रावण आम बात है। लोग स्वच्छता की और ध्यान नहीं देते हैं। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी का विश्वास था कि स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है। वास्तव में कहा जाए तो यहाँ साफ-सफाई होती है वहाँ ईश्वर का वास होता है। यहाँ स्वच्छता होगी वह बीमारियां नहीं फैलेंगी और स्वस्थ्य लोग होंगे। अस्वच्छता भी हमारे अंदर की एक बुराई है। जिस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपने अंदर से इस बुराई का खात्मा कर देगा उस दिन अस्वच्छता रुपी रावण का नामोनिशान नहीं बचेगा। आज सभी को विजयदशमी के दिन अपने अंदर स्वच्छता अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। जिस दिन भारत का नागरिक प्रत्येक सड़क, प्रत्येक मार्ग, प्रत्येक कार्यालय, प्रत्येक घर, प्रत्येक झोपड़ी, प्रत्येक नदी और अपने ईद-गिर्द हवा का प्रत्येक अंश स्वच्छ करने का संकल्प लेगा, उस दिन अपने-आप अस्वच्छता रुपी रावण का दहन हो जाएगा।
आज विश्व में आतंकवाद रुपी बुराई भी अपने पैर पसार रही है। आतंकवाद एक प्रकार का माहौल है, जो कि हिंसात्मक विचारधारा का अनुकरण करता है। आतंकवाद का मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज में हिंसा फैलाना है। और बेगुनाह लोगों का खून खराबा उनका पेशा है। आतंकवाद आज विश्व समाज के लिए एक चुनौती के रूप में उभरा है। इससे निपटने के लिए विश्व समुदाय को एक होना होगा और आतंकवादी रावण का सामूहिक रूप से दहन करना होगा। लेकिन आज के समय में पाकिस्तान जैसे देश आतंकवाद के प्रायोजक बने हुए हैं। जो कि दूसरे देशों में आतंकियों को निर्यात करते हैं। आये दिन पाकिस्तान द्वारा निर्यात किये हुए आतंकवादी भारत देश सहित अन्य देशों में दहशतगर्दी फैलाते हैं। आये दिन पाकिस्तान द्वारा भारत के जम्मू-कश्मीर बाॅर्डर पर आतंकियों कि घुसपैठ कराई जाती है और उरी जैसे हमले किये जाते हैं। लेकिन अब हमारी बहादुर भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मेें घुसकर लक्षित हमलों द्वारा आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद कर आतंक को पोषित करने वाले देश पाकिस्तान को सख्त संदेश दे दिया है। हमारी बहादुर सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मे आतंकी कैम्पों पर लक्षित हमला कर पूरी दुनिया में भी अपनी मजबूती का लोहा मनवा लिया। आज जरूरत है विश्व समुदाय को अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क करना छोड़ना होगा। आतंकवाद चाहें अच्छा हो या बुरा आतंकवाद, आतंकवाद होता है। और हमेशा हिंसा और कट्टरता को बढ़ावा देता है। जो की संपूर्ण विश्व के लिए घातक ह।ै इसके लिए जरुरत है विश्व के सभी जिम्मेदार देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर आतंकवादियों को पूरे विश्व से नेस्तनाबूद करें। जब सभी जिम्मेदार देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाएंगे तभी इस आतंकबाद रुपी रावण का दहन हो सकेगा।
विजयदशमी सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि आपसी सद्भाव का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। विजयदशमी के दिन प्रत्येक नागरिक को अपने अंदर मानवीय मूल्यों का संचार करने का संकल्प लेना चाहिए और समाज में ऐसा माहौल बनाने कि कोशिश करनी चाहिए जहां हमेशा शांति और भाईचारा हो। आज के दिन प्रत्येक व्यक्ति को शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत बनाने का संकल्प लेना चाहिए, जो देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। विजयदशमी के दिन भारत सहित समस्त विश्व समुदाय को अस्वच्छता, आतंकवाद सहित तमाम सामाजिक बुराइयों के रावण रुपी दहन का संकल्प लेना चाहिए। तभी विजयदशमी पर्व का मनाया जाना सार्थक होगा।