नई दिल्ली। देश के आला पत्रकारों को मंगलवार को यहां एक विशेष समारोह में छठे रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि देश के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम थे। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया के लिए बाहरी नियमन को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि बाह्य नियमन के जरिए मीडिया को राह पर लाने की मांग उठती रहती है। पर वास्तव में यह वाजिब उत्तर नहीं है। प्रेस इसे लेकर वाकई संवेदनशील है और यह सही है। बाह्य या थोपे गए नियमन से प्रेस के स्वतंत्रता-सिद्धांतों का हनन होता है, जब कि प्रेस की यह आजादी हमारे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
न्यायमूर्ति सदाशिवम ने कहा कि आत्म-नियमन और जिम्मेदार पत्रकारिता विचारों और अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े आदर्श रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों के बीच गहरी पैठ बनाने के लिए मीडिया और अदालतों को साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया वे समाज और राष्ट्र के प्रति अपने महती उत्तरदायित्व को समझते हुए अपना काम करें। साथ ही न्यायमूर्ति ने आग्रह किया कि प्रेस और जिम्मेदार बने व नैतिकता के सहायक मूल्यों को अपनाए।
अपनी खबरनवीसी से पहचान बनाने वाले पत्रकारों के बीच बात रखते हुए न्यायमूर्ति सदाशिवम ने विचाराधीन अदालती मामलों में मीडिया को गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से बचने को कहा। ‘मीडिया ट्रायल’ की बढ़ती प्रवृत्ति की ओलाचना करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इससे स्वतंत्र प्रेस और स्वतंत्र न्याय के सिद्धांतों के बीच वास्तविक टकराव की नौबत आ जाती है।
न्यायमूर्ति सदाशिवम ने कहा कि स्वतंत्र प्रेस जिम्मेदार प्रेस की तरह अहम है और हर संवाददाता को यह खयाल रखना चाहिए कि पत्रकारिता कहीं विध्वंसक ताकत न बन जाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की पहली प्रतिबद्धता सत्य के प्रति है और इसकी पहली वफादारी नागरिकों के प्रति है।
इससे पूर्व मंगलवार शाम होटल ताज पैलेस में हुए विशेष समारोह में खबरों के जरिए पहचान बनाने वाले प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया
के उत्कृष्ट पत्रकारों को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड्स से पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर पुरस्कार निर्णायक मंडल के सदस्य, मीडिया जगत की हस्तियां और इंडियन एक्सप्रेस के एडीटर इन चीफ शेखर गुप्ता भी मौजूद थे।
समारोह में जर्नलिस्ट ऑफ द इयर (प्रिंट) का पुरस्कार टाइम्स आॅफ इंडिया के जोसी जोसफ और जर्नलिस्ट ऑफ द इयर (ब्राडकास्ट) का सम्मान एनडीटीवी इंडिया के रवीश कुमार को मिला।
विभिन्न श्रेणियों के अन्य अवार्ड इस तरह हैं: जम्मू-कश्मीर और पूर्वोतर की रिपोर्टिंग (ब्राडकास्ट)-मुफ्ती इसलाह (सीएनएन-आइबीएन), हिंदी (ब्राडकास्ट)- उमाशंकर सिंह (एनडीटीवी इंडिया), क्षेत्रीय भाषाएं (ब्राडकास्ट)-कमलेश भोलानाथ देउनकर (आइबीएन-लोकमत),पर्यावरण रिर्पोंटिंग (ब्राडकास्ट)- दिव्या श्रीनिवासन (न्यूज एक्स), अदृश्य भारत की खोज-रूपश्री नंदा (सीएनएन-आइबीएन),कारोबार और अर्थपत्रकारिता (ब्राडकास्ट)-लता वेंकटेश (सीएनबीसी टीवी 18), राजनीति और सरकार की रिपोर्टिंग (ब्राडकास्ट)-स्मिता शर्मा (आइबीएन 7), खेल पत्रकारिता (ब्राडकास्ट) स्मृति आडवाणी (सीएनएन-आइबीएन), खेल पत्रकारिता (ब्राडकास्ट)- प्रियंका दुबे (सीएनएन-आइबीएन), फिल्म और टीवी पत्रकारिता (ब्राडकास्ट)- गीता दत्ता (न्यूज एक्स), आॅन द स्पाट रिपोर्टिंग (ब्राडकास्ट)- हृदयेश जोशी (एनडीटीवी इंडिया), खोजी रिपोर्टिंग (ब्राडकास्ट)-हरिंदर बवेजा (हेडलाइन्स टुडे), जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर से रिपोर्टिंग (प्रिंट)-महबूब जिलानी (द कारवां), हिंदी (प्रिंट)-अतुल चौरसिया (तहलका), क्षेत्रीय भाषाएं (प्रिंट)-प्रजेषन जी. (मध्यमम डेली), पर्यावरण रिपोर्टिंग (प्रिंट)- शालिनी सिंह ( द हिंदुस्तान टाइम्स), अदृश्य भारत की खोज (प्रिंट)- सुप्रिया शर्मा ( द टाइम्स आॅफ इंडिया), कारोबार और अर्थ पत्रकारिता (प्रिंट)- सौम्या भट्टाचार्य (बिजनेस टुडे), राजनीति और सरकार की रिपोर्टिंग (प्रिंट)-वंदिता मिश्रा (द इंडियन एक्सप्रेस), खेल पत्रकारिता (प्रिंट)-शिवानी नायक ( द इंडियन एक्सप्रेस), फिल्म और टीवी पत्रकारिता (प्रिंट)-सुअंशु खुराना (द इंडियन एक्सप्रेस), आन द स्पाट रिपोर्टिंग (प्रिंट)-मनु पब्बी (द इंडियन एक्सप्रेस), खोजी रिपोर्टिंग (प्रिंट)-चितलीन सेठी (ट्रिब्यून), भारत में विदेशी संवाददाता (प्रिंट)-एमी काजमी (फाइनेंशियल टाइम्स), टीका और व्याख्यानात्मक लेखन (प्रिंट)-विद्या सुब्रह्मण्यम (द हिंदू), जन पत्रकारिता के लिए प्रकाश कर्दले स्मृति अवार्ड (प्रिंट)-शिवानी सिंह (द हिंदुस्तान टाइम्स), किताबें (कथेतर)-महमूद फारूकी (पेंग्विन), संजीव सिन्हा स्मृति पुरस्कार (प्रिंट)-पृथा चटर्जी (द इंडियन एक्सप्रेस), प्रिया चंद्रशेखर स्मृति पुरस्कार (प्रिंट)-राकेश नटराज (द इंडियन एक्सप्रेस)।
पत्रकारिता के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि के लिए ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’ इंदर मल्होत्रा को दिया गया। (जनसत्ता से साभार)