सुनिए, क्या हुआ था रामजस कॉलेज में…
कैंपस में मारपीट के अगले दिन एबीवीपी के कार्यकर्ता हर क्लास में जा कर टीचरों से कह रहे थे कि हमें देखना है कि तुम क्या पढ़ा रहे हो क्लास में? ……तुम…..कहीं तुम बच्चों को राष्ट्रविरोधी तो नहीं बना रहे? जिन्हें ख़ुद थर्ड डिवीज़न से पास करने के लाले हों उनकी इतनी हिम्मत? जब टीचरों ने विरोध किया तो सुधाकर सिंह जैसे सीनियर टीचर के साथ धक्का मुक्की की गयी। और ये सब कॉलेज के बाहर के लड़के थे।
एक क्लास में एबीवीपी वालों ने क्लास में पढ़ा रहे टीचर से कहा कि बताओ कि तुम किसके साथ हो? अगर हमारे साथ हो तो बोलो भारत माता की जय….वर्ना यही मारेंगे। तब तक रामजस कॉलेज के कुछ लड़के दौड़ते हुए आए और टीचर को बचाया।
अगर ये गुंडागर्दी नहीं है तो और क्या है? अगर आप चाहते हैं कैंपस ऐसे ही हों, कॉलेज में राष्ट्रवाद के नाम पर यही सब हो तो समझ लीजिएगा कि कुछ साल बाद इस देश में एक भी कैंपस पढ़ने लायक नहीं बचेगा।
जय हिंद
जय भारत
(वरिष्ठ पत्रकार आमिया मोहन के एफबी वॉल से साभार)