संदर्भ – इंडिया टीवी पर मोदी के पक्ष में खबर चलाने का आरोप
इंडिया टीवी के खिलाफ आजकल सोशल मीडिया पर #IndiaTVExposed हैशटैग चल रहा है. इंडिया टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर इमरान शेख की चिठ्ठी के आधार पर आरोप है कि वहां चैनल के रिपोर्टरों पर मोदी के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए बाकायदा निर्देश दिए जाते हैं. इमरान शेख ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिठ्ठी में लिखा है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में False and Fabricated खबरें करने को कहा गया.इससे परेशान होकर उन्होंने चैनल छोड़ दिया. हालाँकि इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर ने इसे दुष्प्रचार कहकर खारिज कर दिया है.उन्होंने लंबा – चौड़ा सफाईनामा देते हुए लिखा –
अजीत अंजुम
इमरान शेख मुंबई में एक साल पहले तक इंडिया टीवी के क्राइम/लोकल रिपोर्टर थे और क्राइम रिपोर्टर का पीएम और केन्द्र सरकार की खबरों से कोई लेना-देना नहीं होता. मुंबई का क्राइम रिपोर्टर पीएम के पक्ष में न तो कई खबर कर सकता है, न ही उसे करने को कहा जा सकता है.इसलिए उनकी मंशा संदिग्ध है.
अजीत अंजुम की बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में फिलहाल कुछ तो कहना तो संभव नहीं है लेकिन ऐसा ही मिलता-जुलता आरोप वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने भी अप्रैल 2014 में इंडिया टीवी पर लगाया था. ये इल्जाम तब उन्होंने लगाया जब वे वहां काम कर रहे थे और इंडिया टीवी पर मोदी के फिक्स इंटरव्यू का आरोप लगाकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. उस समय वे इंडिया टीवी के एडिटोरियल डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे.दरअसल उस वक्त नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू इंडिया टीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में चला था. कमर वहीद नकवी का आरोप था कि ये इंटरव्यू महज दिखावा था, पहले से सवाल-जबाव फिक्स थे. अब एक बार जब फिर आरोप लगा है तो नए सिरे से इंडिया टीवी को लेकर सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई में इंडिया टीवी में ख़बरों को लेकर पक्षपात किया जाता है और मोदी के पक्ष में सिर्फ सकारात्मक ख़बरें ही चलाई जाती है. बहरहाल नीचे वो पुराना लिंक चस्पा किये जाते हैं जिसमें कमर वहीद नकवी ने इंडिया टीवी पर आरोप लगाया था –
नरेंद्र मोदी के इंडिया टीवी पर चले फिक्स इंटरव्यू के विरोध में कमर वहीद नकवी का इस्तीफा